पटना: आइएमए व भासा ने आरोप लगाया है कि चिकित्सकों को सॉफ्ट टारगेट कर लगातार परेशान व बदनाम किये जाने के बावजूद सरकार मौन है.
इसके विरोध में तमाम चिकित्सक 19 नवंबर को आइएमए हॉल से डाकबंगला तक आक्रोश रैली निकालेंगे. इसके बाद सरकार को भागलपुर, पीएमसीएच व क्लिनिकल स्टेबलिस्मेंट एक्ट मामले को लेकर 15 दिनों का समय दिया जायेगा. अगर इस अवधि में भी कोई परिणाम नहीं निकला, तो पांच दिसंबर से पूरे बिहार की चिकित्सा सेवा को ठप कर दिया जायेगा.
आइएमए के पूर्व सचिव डॉ राजीव रंजन ने कहा कि भागलपुर में डॉ मृत्युंजय कुमार के खिलाफ महिला ने आरोप लगाया और राजनीतिक पार्टियां उसको हवा देकर एक बेकसूर को फंसा रही हैं. सांसद पप्पू यादव जैसे नेता डॉक्टरों को सीढ़ी बना कर जननेता बनना चाहते हैं, जिसकी हम घोर निंदा करते हैं. अगर कोई झोलाछाप डॉक्टर समाज को लूटता है और वह पकड़ा जाता है, तो उसके लिए कभी चिकित्सक संघ खड़ा नहीं होता है, लेकिन यह गंभीर मामला है. भासा के महासचिव डॉ अजय कुमार ने कहा कि पीएमसीएच का एक पीजी डॉक्टर गायब हो गया और उसे पुलिस नहीं खोज पा रही है. भागलपुर में डॉक्टर को जबरन बदनाम कर उसके ऊपर एफआइआर करा रहे हैं. प्रेस वार्ता में डॉ विजय शंकर सिंह, डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह सहित अन्य चिकित्सक मौजूद थे.
सरकार से मांगें
भागलपुर के वरीय चिकित्सक डॉ मृत्युंजय कुमार के विरुद्ध षड्यंत्र का मामला सीआइडी को सौंपा जाये.
बिहार क्लिनिकल स्टेबलिसमेंट एक्ट में आवश्यक परिवर्तन हो व पटना हाइकोर्ट का आदेश आने के बाद ही इस पर कोई कार्रवाई हो.
पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर डॉ कुमार विजय कृष्ण की तत्काल खोज हो और पहले चिकित्सकों के विरुद्ध हुई हिंसा के सभी मामलों में न्याय दिलाया जाये.
लखीसराय में झूठे मुकदमे में फंसाये गये चिकित्सकों को न्याय मिले.
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पिछले दिन हुई घटना की न्यायिक जांच तक वरीय चिकित्सक की गिरफ्तारी वापस हो.