पटना: जदयू बिहार को फिर राजद संस्कृति की ओर ढकेलना चाह रहा है. जदयू समर्थकों ने बिहार बंद के दौरान जो हरकत की है, उससे यह साफ हो गया है. राजद छोड़ कर जदयू में आये नेता आज वही कर रहे हैं, जो लालू प्रसाद के साथ रह कर उन्होंने सीखा था.
उन्हें बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडेय ने पत्रकार सम्मेलन में कहा कि बंद को जनता का जबरदस्त समर्थन मिला है. बंद से छोटे वाहनों व रेलवे को मुक्त रखा गया था, लेकिन जदयू के खिलाफ जनता का गुस्सा चरम पर था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा में ट्रेनें रोकी गयीं. जेपी आंदोलन के बाद बिहार में पहली बार इतना बड़ा सफल बंद हुआ है. रिहा होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में रविशंकर प्रसाद, सुशील कुमार मोदी, शाहनवाज हुसेन, नंदकिशोर यादव, चंद्रमोहन राय, सांसद राधामोहन सिंह, विधायक अरुण सिन्हा व नितिन नवीन भी उपस्थित हुए.
भाजपा नेताओं ने कहा कि जदयू कार्यकर्ताओं ने भाजपाइयों पर हमला बोला. यह घटना इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जायेगा. जब किसी एक दल का बंद पहले से घोषित हो, तो दूसरा दल उसी दिन विरोध में उतरे, ऐसा इतिहास नहीं रहा है, किंतु जदयू ने राजनीति के इतिहास और मर्यादा को कलंकित किया. जदयू के एक नेता की गाड़ी में राइफल रखी थी. भाजपा की महिला कार्यकर्ता ओंफमीदा खानम को उठा लेने तक की धमकी दी गयी. उन्होंने प्राथमिकी भी दर्ज करायी है.