पटना: अगर समय पर राजधानी में पार्किग स्थल की बंदोबस्ती हो जाती, तो लोगों को राहत मिलती ही, निगम को भी करोड़ों को फायदा होता. लेकिन, बंदोबस्ती का मामला एक वर्ष से अधर में है.
दरअसल लोगों को यहां-वहां खड़े वाहनों से लगनेवाले जाम से बचाने के लिए एक वर्ष पहले निगम प्रशासन ने चारों अंचलों में 51 जगह पार्किग स्थल चयनित किया था. किस पार्किग स्थल पर कितने वाहन एक साथ खड़े हो सकते हैं, इसकी भौतिक रिपोर्ट तैयार की गयी थी. लेकिन पार्किग स्थलों के रखरखाव के लिए बंदोबस्ती नहीं हो सकी है.
यदि पार्किग स्थानों की बंदोबस्ती समय पर हो जाती, तो निगम को करीब दो करोड़ का राजस्व मिलता. नगर आयुक्त ने चयनित सभी पार्किग स्थानों की बंदोबस्ती करने की जिम्मेवारी अपर नगर आयुक्त प्रभु राम को दी थी. उन्होंने अंचल स्तर पर बंदोबस्ती की तिथि 14 से 31 जुलाई तक निर्धारित की, लेकिन बंदोबस्ती का समय आया, तो वे छुट्टी पर चले गये. हालांकि वे बंदोबस्ती की निर्धारित अवधि में ही लौट आये, पर इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी. इसके बाद यह प्रक्रिया दुबारा शुरू हुई, तो महज तीन ऑटो स्टैंड की बंदोबस्ती ही की गयी.