पटना : प्रदेश की 241 विधानसभा क्षेत्रों में से 220 विधानसभा क्षेत्रों के अधिकतर बूथों पर पार्टी के जिम्मेदार नेता सौ प्राथमिक सदस्यों की समिति नहीं बना सके हैं. राजद आलाकमान ने इस मामले में अब जिला अध्यक्षों एवं विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्राें इस काम की जिम्मेदारी सौंपी है.
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राजद आलाकमान ने बूथ प्रबंधन के लिए सौंपे टास्क
पटना : प्रदेश की 241 विधानसभा क्षेत्रों में से 220 विधानसभा क्षेत्रों के अधिकतर बूथों पर पार्टी के जिम्मेदार नेता सौ प्राथमिक सदस्यों की समिति नहीं बना सके हैं. राजद आलाकमान ने इस मामले में अब जिला अध्यक्षों एवं विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्राें इस काम की जिम्मेदारी सौंपी है. 21 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी […]
21 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की शत प्रतिशत वाली प्राथमिक सदस्यों की समिति बन गयी है. जानकारों के मुताबिक पर्टी में कुछ विधायक ऐसे भी हैं, जिन्होंने राजद के बूथ मैनेजमेंट को ताक पर रख बगावती रुख अख्तियार कर रखा है.
इनमें महेश्वर यादव, फराज फातमी व चंद्रिका राय के नाम हैं. पार्टी ने इनके विधानसभा क्षेत्रों के बूथ मैनेजमेंट को प्रभावशाली बनाया है ताकि चुनाव के दौरान इनकी बगावत का कोई खास असर न पड़ सके. जानकारों के मुताबिक पार्टी ने इस तरह के विधानसभा क्षेत्रों वाले जिलों में रणनीतिक तौर पर सक्षम लोगों को ही जिला अध्यक्ष बनाया है.
राजद के आधिकारिक जानकारों के मुताबिक रामगढ़ ,साहेबगंज, गोपालगंज, गोविंदगंज व अन्य 16 विधानसभा क्षेत्रों में बूथ मैनेजमेंट के तहत प्रति बूथ सौ सदस्य एवं चार क्रियाशील सदस्य बनाये जा चुके हैं. रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद चुनाव लड़ते आये हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में 10 से 20 फीसदी ऐसे भी बूथ हैं, जहां राजद के स्थानीय कर्ताधर्ता जातीय समीकरण के चलते बूथों पर सौ प्राथमिक सदस्य व चार सक्रिय सदस्य नहीं बना सके हैं. ऐसे बूथों पर जहां जातीय आधार पर गणित दुरुस्त नहीं बैठ रहा है, वहां पार्टी में से ही सजातीय और कद्दावर नेताओं को ले जाकर कैंप किया जाये. किसी भी बूथ को न छोड़ने की बात कही गयी है.
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