पटना : मानव श्रृंखला के बाद अब जल जीवन हरियाली अभियान को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जायेगा. प्रदेश के पर्यावरणीय मुद्दे इसमें शामिल होंगे. शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग के अफसरों ने औपचािरक सहमति दे दी है.
राज्य शिक्षा शोध संस्थान एससीइआरटी को पाठ्यक्रम का कंटेंट तैयार करने की जिम्मेवारी मिली है. सूत्रों के मुताबिक कक्षा एक से कक्षा 10 तक के बच्चों को जल जीवन हरियाली की सिलेबस के माध्यम से किताबी जानकारी दी जायेगी. जल-जीवन-हरियाली से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दों को किस- किस कक्षा में शामिल किया जाये? इस का निर्णय विभाग के अधीन बना शोध एवं प्रशिक्षण निदेशालय तैयार करेगा.
स्कूलों में सोलर एनर्जी सिस्टम लगाया जायेगा
पाठ्यक्रम के अलावा शिक्षा विभाग 80 हजार रुपये प्रति स्कूल के हिसाब से 3125 माध्यमिक स्कूलों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग की संरचना विकसित करेगा. इसी तरह 15 सौ मिडिल स्कूलों में इसी तरह की संरचनाएं तैयार की जायेंगी. ग्रीन बजट के दायरे में ही प्रदेश के प्रत्येक प्रखंड के एक-एक स्कूल में सोलर एनर्जी सिस्टम लगाया जायेगा. इसके अलावा प्रत्येक विद्यालय के शिक्षकों को पेड़ लगाने और उसे संरक्षित रखने की जिम्मेदारी दी जायेगी. उसे गोद लेने की जवाबदेही भी दी जायेगी. शिक्षा विभाग इस दिशा में जल्द ही प्रभावी कदम उठाने जा रहा है.