25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

नेपाल सीमा पर आने-जाने वालों के लिए विशेष आइकार्ड बनाने की सिफारिश

कौशिक रंजन, पटना : बिहार से नेपाल की करीब सवा सात सौ किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा मिलती है. दोनों प्रांतों के बीच पूरी तरह से खुली इस सीमा पर बहुत ज्यादा चौकसी नहीं होने के कारण पिछले कुछ वर्षों से जाली नोटों एवं मादक पदार्थों की तस्करी के अलावा आतंकी गतिविधि भी बढ़ी है. स्थिति […]

कौशिक रंजन, पटना : बिहार से नेपाल की करीब सवा सात सौ किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा मिलती है. दोनों प्रांतों के बीच पूरी तरह से खुली इस सीमा पर बहुत ज्यादा चौकसी नहीं होने के कारण पिछले कुछ वर्षों से जाली नोटों एवं मादक पदार्थों की तस्करी के अलावा आतंकी गतिविधि भी बढ़ी है. स्थिति की संवेदनशीलता को देख केंद्रीय जांच एजेंसियों ने विशेष रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी है.

इसमें सुरक्षा का हवाला देते हुए यह सिफारिश की गयी है कि बिहार से जुड़ने वाली नेपाल-भारत सीमा से गुजरने वाले व्यक्तियों या नेपाल जाने वाले लोगों के लिए एक विशेष आइकार्ड या वीजा या पासपोर्ट जैसे किसी विशेष तरह के वैद्य पहचानपत्र जारी करने की जरूरत है, जो सिर्फ नेपाल आने-जाने के लिए ही वैद्य हो. ये खास किस्म के पहचानपत्र दोनों तरफ या सीमा के पास रहने वाले उन लोगों को खासतौर से दिये जाएं, जिनकी रिश्तेदार या परिवार नेपाल में रहते हैं.
नेपाल से आने वाले लोगों के लिए इसे अनिवार्य रूप से लागू करने की जरूरत है क्योंकि आम लोगों की आड़ में बड़ी संख्या में तस्कर और आतंकी भी आसानी से सीमा पार आ जाते हैं. पूरी सीमा खुली और गांवों के पास होने के कारण हर स्थान पर चौबीस घंटे चौकसी संभव नहीं है. यह देश में प्रवेश करने का एक सेफ पैसेज बनता जा रहा है. दो देशों के बीच ऐसी विशेष पहचानपत्र की सुविधा सुरक्षा कारणों से कई देशों के बीच लागू है.
केंद्रीय जांच और खुफिया एजेंसियों की इस सिफारिश रिपोर्ट पर गृह मंत्रालय के स्तर से सभी पहलुओं पर मंथन किया जायेगा. इसके बाद ही कोई ठोस निर्णय लेने की संभावना है. फिलहाल इस रिपोर्ट को लेकर आधिकारिक स्तर पर कोई खुलासा नहीं किया जा रहा है. कुछ दिनों पहले नेपाल-भारत सीमा की समीक्षा करने के लिए गृह मंत्रालय ने अपनी एजेंसियों को कहा था. तमाम तथ्यों और पिछले कुछ वर्षों में उजागर हुए तस्करी और आतंकी मामलों की सभी घटनाओं के मॉडस ऑपरेंडी का विस्तृत अध्ययन करने के बाद यह समेकित रिपोर्ट तैयार की गयी है.
संवेदनशील होती जा रही यह खुली सीमा
केंद्र सरकार के स्तर पर मंथन के बाद लिया जायेगा ठोस निर्णय
मौजूदा समय में सीमा पर बढ़ती तस्करी और आतंकी गतिविधि को रोकने में आ रही समस्या के कारण दी गयी जांच रिपोर्ट
सिर्फ इस वर्ष बिहार में नेपाल सीमा पर सिर्फ जाली नोट और मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े छह दर्जन से ज्यादा मामले पकड़े गये हैं. इनमें जाली नोट के करीब एक दर्जन और शेष मामले मादक पदार्थों की तस्करी के हैं.
अवैध शराब की तस्करी के मामले में इनमें शामिल नहीं हैं. इनमें काफी संख्या में मामले एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) ने भी पकड़े हैं. इसके अलावा डीआरआइ व आइबी समेत अन्य एजेंसियों के स्तर पर भी कार्रवाई की गयी है. जाली नोट की तस्करी के मामले में कई आतंकी संगठन और पाकिस्तानी आइएसआइ का हाथ भी साफतौर पर सामने आया है.
जाली नोट तस्करी के पकड़े गये हैं
नोटबंदी के बाद से एक दर्जन से ज्यादा बड़े मामले जाली नोट तस्करी के पकड़े गये हैं. इनमें जाली नोट तस्करी का सबसे बड़ा मामला इस वर्ष दो दिसंबर को पकड़ा गया है, जिसमें मो मुमताज नामक बड़े तस्कर को एक लाख 90 हजार रुपये के हाइ क्वालिटी के नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया.
इस रैकेट के ऑपरेशनल तार सीधे तौर पर आतंकी संगठन और आइएसआइ से जुड़ते हैं. इन कारणों से यह सीमा बेहद संवेदनशील होती जा रही है. इसके अलावा यहां से भी अपराध करके कई छोटे-बड़े अपराधियों के नेपाल भागने के कई मामले हो चुके हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें