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पटना : स्वास्थ्य विभाग के रडार पर हैं कई आरोपित डॉक्टर

दो माह में नौ डॉक्टरों पर की गयी कार्रवाई पटना : राज्य में कई मामलों में आरोपित चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग के रडार पर है. विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के आरोपों में संलिप्त नौ चिकित्सकों व औषधि निरीक्षकों के खिलाफ दो माह में कार्रवाई की है. विभाग ने सेवानिवृत्त चिकित्सकों के पेंशन से राशि तक की […]

दो माह में नौ डॉक्टरों पर की गयी कार्रवाई
पटना : राज्य में कई मामलों में आरोपित चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग के रडार पर है. विभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के आरोपों में संलिप्त नौ चिकित्सकों व औषधि निरीक्षकों के खिलाफ दो माह में कार्रवाई की है. विभाग ने सेवानिवृत्त चिकित्सकों के पेंशन से राशि तक की कटौती का निर्णय लिया है.
स्वास्थ्य विभाग ने नवंबर और दिसंबर महीने में आठ डॉक्टरों और एक औषधि निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की है. विभाग द्वारा दिसंबर महीने में अनुमंडलीय अस्पताल,वैशाली के चिकित्सा पदाधिकारी डा सत्येंद्र कुमार तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय अपर निदेशक के औचक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गये.
इनके खिलाफ विभाग ने वर्ष निंदन का दंड वर्ष 2018 से दिया है. इसी प्रकार इसी अस्पताल के डा मनोरंजन कुमार सिंह भी औचक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये गये. विभाग ने इनका कार्य भी संतोषजनक नहीं माना है. ऐसे में विभाग द्वारा डा सिंह की वर्ष 2018-2020 तक निंदन अधिरोपित करते हुए वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी.
कई अन्य पर भी हुई कार्रवाई
विभाग ने जेकटीएमसीएच,मधेपुरा के प्रभारी अधीक्षक डा अतुल कुमार को मासिक समीक्षा बैठक में अनुपस्थित होने और एमसीआइ टीम द्वारा निरीक्षण किये जाने के मौके पर अनुपस्थित रहने के कारण निलंबित कर दिया गया है.
रोहतास के तत्कालीन सिविल सर्जन व संप्रति सेवानिवृत्त डा राम नगीना प्रसाद सिंह को कई आरोपों में संलिप्त पाये जाने के बाद उनके पेंशन से 10 वर्षों के लिए पांच प्रतिशत कटौती करने का आदेश दिया है. बेगूसराय जिला के तत्कालीन सिविल सर्जन व संप्रति सेवानिवृत्त डा सोनेलाल अकेला के दवाओं की खरीद के मामले में पेंशन से 10 प्रतिशत की राशि पांच वर्षों के लिए जब्त करने का आदेश दिया गया है.
रोहतास के सिविल सर्जन संप्रति सेवानिवृत्त डा अशोक कुमार सिंह को निगरानी द्वारा एक लाख रुपये घूस लेने के कारण शत प्रतिशत पेंशन व उपादान स्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया गया है.
इसी तरह से अनुमंडलीय अस्पताल,हिलसा,नालंदा में पदस्थापित डा बलराम प्रसाद सिंह को मंत्री के औचक निरीक्षण में अनुपस्थित पाये जाने पर 50 प्रतिशत पेंशन व उपादान जब्त करने का दंड दिया गया है. सीतामढ़ी के तत्कालीन सिविल सर्जन डा रवींद्र कु्मार को 50 रुपये घूस लेने के आरोप में निलंबित किया गया है. इसी प्रकार समस्तीपुर-दो के औषधि निरीक्षक जयशंकर प्रसाद को निरीक्षण कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में एक वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का दंड दिया गया है.

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