लोकसभा चुनाव के बाद भी 315 सदस्यीय कमेटी है कार्यरत
पटना : विधानसभा चुनाव में बिहार प्रदेश को फिर से सेलेक्टेड कमेटी ही मिलेगी. लोकसभा चुनाव के समय प्रदेश को आठ कमेटियां दी गयी थीं.
315 सदस्यों की यह कमेटी अब तक कागज पर काम कर रही है. पार्टी स्तर पर इतने पदाधिकारी कहां पर सक्रिय होकर काम कर रहे हैं, इनकी उपस्थिति कहीं दिखती नहीं है. लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद राज्य में सभी दलों द्वारा सदस्यता अभियान चलाया गया और सभी स्तरों पर संगठनात्मक चुनाव भी कराये जा रहे हैं. अब तक कांग्रेस में न कोई सदस्यता अभियान चलाया गया है और नहीं संगठनात्मक चुनाव कराने की तैयारी है. प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्षों से राज्यस्तरीय प्रदेश समिति का संचालन किया जा रहा है.
पार्टी का सांगठनिक चुनाव कराना जरूरी
एआइसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा लोकसभा चुनाव के पहले पांच मार्च, 2019 को प्रदेश में आठ कमेटियों की अधिसूचना जारी की गयी थी. इसमें चुनाव समिति में 41, समन्वय समिति में 23, मैनिफेस्टो कमेटी में 14, अनुशासन समिति में पांच, मीडिया को-ऑर्डिनेशन कमेटी में 26, पब्लिसिटी कमेटी में 75, इलेक्शन प्रिपरेशन कमेटी में 59 और चुनाव अभियान समिति में 72 सदस्यों को शामिल किया गया था.
पार्टी विधायक व वरिष्ठ नेता रामदेव राय कहते हैं कि जो कमेटी बनी है, उससे भी तो काम लिया जाना चाहिए. एक प्रदेश अध्यक्ष और एक प्रदेश प्रभारी से क्या होगा. राज्य के लाखों कार्यकर्ता नेतृत्व की मांग कर रहे हैं. प्रवक्ता प्रो उमाकांत सिंह ने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए सांगठनिक चुनाव कराना आवश्यक है.
विस चुनाव के समय होगी नयी कमेटी गठित
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने बताया कि राज्य में गठित पुरानी कमेटी कार्यरत है. उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के समय राज्य के लिए नयी कमेटी का गठन किया जायेगा. पार्टी का निर्धारित समय पर सांगठनिक चुनाव होता है, जो पहले ही हो चुका है. कांग्रेस में एक बार पदाधिकारियों का चुनाव तीन वर्षों के लिए किया जाता है.