पटना : प्रदेश की उन पंचायतों में जहां कक्षा 9 की पढ़ाई के लिए समुचित जमीन और भवन नहीं है, वहां मध्य स्कूल को दो पालियों में संचालित किया जायेगा. यह व्यवस्था बुधवार को विभागीय सभागार में हुई एक मैराथन बैठक में दी गयी.
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भवन नहीं होने पर कक्षा 9 के लिए दो पालियों में चलेंगे स्कूल
पटना : प्रदेश की उन पंचायतों में जहां कक्षा 9 की पढ़ाई के लिए समुचित जमीन और भवन नहीं है, वहां मध्य स्कूल को दो पालियों में संचालित किया जायेगा. यह व्यवस्था बुधवार को विभागीय सभागार में हुई एक मैराथन बैठक में दी गयी. बैठक को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव आर के महाजन […]
बैठक को संबोधित करते हुए अपर मुख्य सचिव आर के महाजन ने प्रदेश भर से आये संबंधित अफसरों को दो टूक हिदायत दी कि कक्षा 9 की पढ़ाई के लिए नये भवन हर हाल में 28 फरवरी 2020 तक बना लिये जाएं. इस दौरान बताया गया कि कक्षा 9 वीं को स्मार्ट क्लास के रूप में तब्दील करने के लिए 90 हजार रुपये दिये जायेंगे.
एक अप्रैल 2020 से प्रदेश की 2950 पंचायतों में कक्षा 9 की पढ़ाई शुरू की जानी है. बैठक में बताया गया कि जहां भवन बनाने की जमीन भी नहीं है, ऐसी पंचायतों की संख्या करीब 166 है.
करीब 6 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में व्यवस्था दी गयी कि जहां भी विद्यालय भवन बनाने में विवाद की स्थिति बन रही है, वहां जिला शिक्षा अधिकारी और नियुक्त किये गये नोडल अफसरों की रिपोर्ट पर विभाग उचित कार्रवाई करेगा. माध्यमिक शिक्षा निदेशक गिरिवर दयाल सिंह ने इस योजना की प्राथमिकताओं के बारे में व्यापक जानकार दी.
उन्होंने कहा कि कोशिश ये होनी चाहिए कि कक्षा 9 की पढ़ाई उन स्कूलों में शुरू करने को प्राथमिकता दी जाये, जो पंचायत मुख्यालय पर हैं. दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए बिहार शिक्षा परियोजना के प्रभारी निदेशक रविशंकर सिंह ने निर्देश दिया कि कक्षा 9वीं के लिए बन रहे भवनों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग का प्रबंध किया जाये.
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