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विधान परिषद : हंगामे के साथ शुरू और हंगामे के साथ हुआ खत्म, भोजनावकाश के पहले 45 मिनट तक चली कार्यवाही
पटना : बिहार विधान परिषद के दूसरे दिन विपक्ष ने भोजनावकाश के पहले 45 मिनट तक वेल में जमकर हंगामा किया. 12 बजे जब कार्यस्थगन प्रस्ताव कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्र ने पढ़ना शुरू किया, जिसमें उन्होंने कहा कि रविवार को कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं पर सोच-समझ कर लाठीचार्ज कर उन्हें घायल किया गया […]
पटना : बिहार विधान परिषद के दूसरे दिन विपक्ष ने भोजनावकाश के पहले 45 मिनट तक वेल में जमकर हंगामा किया. 12 बजे जब कार्यस्थगन प्रस्ताव कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्र ने पढ़ना शुरू किया, जिसमें उन्होंने कहा कि रविवार को कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं पर सोच-समझ कर लाठीचार्ज कर उन्हें घायल किया गया है. राज्यपाल से मुलाकात के बहाने ले जाकर कोतवाली में कई मामले दर्ज किये गये हैं.
पुलिस की लाठी से कांग्रेस के 27 कार्यकर्ता घायल हुए हैं. ऐसी लाठी और गोली की सरकार नहीं चलेगी. सदन में कार्यस्थगन के प्रस्ताव पर चर्चा हो. लेकिन, जैसे ही सभापति ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत होने की घोषणा की, कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्र, मदन मोहन झा, राजद के सुबोध राय व रणविजय सिंह समेत अन्य नेता वेल में आ गये.
राजद के रामचंद्र पूर्वे अपनी सीट पर खड़े होकर विरोध करते रहे. सभापति के बार-बार बैठने की आग्रह काे विपक्षी सदस्यों ने नहीं माना. जिस समय कांग्रेस और राजद के सदस्य नारेबाजी कर रहे थे,उस समय सदन में थोड़ी देर के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आये.
इसी बीच सदन में मौजूद उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि प्रेमचंद्र मिश्र को चोट लगी है, तो कपड़ा उतारकर दिखायें कि उनको कहां चोट लगी है. इतना कहने पर प्रेमचंद्र मिश्र उपमुख्यमंत्री के सामने पहुंच कर अपनी बंडी उतार दी. इसके बाद जब वह कुर्ता उतारने वाले थे, तो हंगामा तेज हो गया और सभापति ने दोबारा सभी विपक्षी सदस्यों को सीट पर बैठने को कहा.
हंगामे के दौरान मंत्री नंद किशोर यादव ने रामचंद्र पूर्वे से कहा कि आप भी इनका साथ दे रहे हैं. आपको याद नहीं है कि 74 और 75 में हमें और आपको भी कितना पीटा गया था. बावजूद इसके आप इनके पक्ष में खड़े हैं.
जब रामचंद्र पूर्वे जगह पर नहीं बैठे, तो नंदकिशोर यादव ने दोबारा टिप्प्णी की. कहा कि आप अध्यक्ष पद से हटाये गये हैं, तो आपका दर्द हम समझ सकते हैं. इस दौरान हंगामा में सदन की कार्यवाही चलती रही, लेकिन विपक्ष ने अपना एक भी सवाल नहीं पूछा.
बार-बार सभापति के कहने पर भी वेल में प्रदर्शन करने वाले नहीं हटे. इसी बीच भाजपा के संजय मयूख ने कहा कि जब चोट लगी है, तो दिखाइये और जो वेल में आकर हंगामा कर रहे हैं, उन सभी का मेडिकल जांच कराया जाएं. हंगामे की स्थिति समाप्त नहीं होते देख सभापति ने 12:45 मिनट पर सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया.
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