कैबिनेट के फैसले. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी
पटना : कैबिनेट की बैठक में सभी बाढ़ पीड़ितों को ग्रेच्युटस रिलीफ के रूप में छह हजार रुपये दिये जानेे का फैसला लिया गया. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी दी गयी.
इस साल राज्य में हुई अनियमितता एवं अल्प बारिश के कारण 18 जिलों के 102 प्रखंडों के 896 प्रभावित पंचायतों के सभी परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. तत्काल सहायता के तहत जिन परिवारों को तीन हजार रुपये की सहायता पहले दी गयी है और वह परिवार अगर बाढ़ग्रस्त भी हो तो उन्हें तीन हजार रुपये और दिये जायेंगे. ऐसे परिवारों को अनुग्रहिक राहत के तहत छह हजार की दर से सहायता राशि दी जायेगी.
साथ ही वैसे बाढ़ग्रस्त परिवारों को अगर तत्काल सहायता की तीन हजार की राशि का पूर्व में भुगतान किया जा चुका है तो उनको भी अतिरिक्त तीन हजार यानि कुल मिला कर छह हजार रुपये का भुगतान किया जायेगा. कैबिनट ने बाढ़ प्रभावित 14 जिलों के प्रभावित किसानों को कृषि इनपुट मद से राशि उपलब्ध करायी जायेगी. अन्य फैसले : बूथ लेवल ऑफिसर बीएलओ को एक सितंबर से पारिश्रमिक पांच हजार से बढ़ा कर छह हजार प्रति वर्ष कर दी गयी है.
ठनका की पूर्व चेतावनी प्रणाली की स्थापना के लिए अर्थ नेटवर्क और कीहू सॉल्युशन के साथ एमओयू पर खर्च होनेवाली राशि की स्वीकृति दी गयी. गृह विभाग द्वारा इमरजेंसी रेसपांस सिस्टम परियोजना के क्रियान्वयन के लिए सीडैक के अनुसार 12 करोड़ 29 लाख की आकस्मिकता निधि मंजूर किये गये. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 2019-20 के लिए सौ करोड़ राज्य आकस्मिकता निधि से अग्रिम स्वीकृति दी गयी है.
बिहार न्यायिक सेवा प्रतियोगिता (प्रारंभिक) परीक्षा में उपलब्ध रिक्तियों का अधिकतम 10 गुणा अभ्यर्थी को सफल घोषित किये जाने को मंजूरी मिली. दरभंगा मेडिकल काॅलेज अस्पताल में सौ बेड के भवन निर्माण के लिए 2019-20 में 45 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी. माध्यमिक शिक्षा के तहत जिला परिषद व नगर निकायों के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों के 4066 अतिथि शिक्षकों के भुगतान के लिए 50 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है.
कैबिनेट की मुहर के बाद कृषि विभाग के सचिव ने दी जानकारी
पटना : कृषि योजनाओं के लिए गुरुवार को कैबिनेट से 1349.28 करोड़ की स्वीकृति दी गयी. इसके बाद कृषि विभाग के सचिव एन सरवण ने बताया कि प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत कृषि इनपुट अनुदान सहित कृषि विभाग की 6 योजनाओं में इस राशि को खर्च किया जायेगा.
इसमें कृषि यांत्रिकीकरण योजना, जैविक खेती के अंगीकरण एवं प्रमाणीकरण कार्यक्रम, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत चावल, गेहूं, दलहन एवं कोर्स सीरियल तथा वाणिज्यिक फसलों के उत्पादन, आत्मा योजना, संविदा आधारित नियोजित कर्मियों के वेतन, बामेती परिसर का प्रबंधन, सुरक्षा एवं अन्य प्रसार कार्यक्रम के अलावा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जलछाजन विकास) के तहत नियोजित जलछाजन दल का मानदेय भुगतान आदि शामिल हैं.
कृषि इनपुट अनुदान के लिए 772.47 करोड़ : आपदा विभाग द्वारा कृषि इनपुट अनुदान के लिए 772.47 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गयी है. विभाग के अनुसार जुलाई माह में बाढ़ की स्थिति तथा सितंबर माह में अत्यधिक वर्षापात, बाढ़ की स्थिति के कारण 3.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल क्षति तथा अगस्त माह में कम वर्षा होने से 3.89 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र नहीं लगाये जा सके हैं.
इस प्रकार 7.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को क्षति हुई है. इस मद में इस इनपुट अनुदान खर्च होगा. सिंचित क्षेत्र में 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर, असिंचित 6800 रुपये प्रति हेक्टेयर, शाश्वत फसलों के लिए 18000 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा वैसे स्थान जहां बाढ़ के बाद गाद जमा हो गये हैं. उनके लिए 12,200 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को आगामी रबी फसलों के लिए सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. इस योजना के लिए किसानों से ऑन लाइन आवेदन कृषि विभाग की वेबसाइट के डीबीटी पोर्टल के माध्यम से लिया जायेगा. डीबीटी पोर्टल पर आवेदन लेने की प्रक्रिया नवंबर के प्रथम सप्ताह से शुरू होगी.
कृषि यांत्रिकीकरण योजना पर 163.513 करोड़: सचिव ने बताया कि 163.513 करोड़ रुपये की कृषि यांत्रिकीकरण की राज्य योजना के तहत किसानों को 75 प्रकार के विभिन्न कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जायेगा. इस वर्ष बिहार राज्य के अंदर कृषि यंत्र निर्माता द्वारा निर्मित यंत्रों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान मिलेगा.
वहीं, जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत 155.8858 करोड़ रुपये की लागत से जैविक खेती के अंगीकरण एवं प्रमाणीकरण कार्यक्रम किया जायेगा. गंगा के तटवर्ती 12 जिलों मसलन, पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, वैशाली, सारण, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, समस्तीपुर, लखीसराय तथा बेगूसराय में सब्जी की खेती को कलस्टर में बढ़ावा देने के लिए 11500 रुपये प्रति एकड़ प्रतिवर्ष किसानों को जैविक खेती के लिए दिया जायेगा. साथ ही बसोका द्वारा ऐसे कलस्टर का प्रमाणीकरण नि:शुल्क किया जायेगा तथा जैविक खेती से जुड़े किसानों का जीविका के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जायेगा.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन 109.87 करोड़
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत चावल, गेहूं, दलहन एवं कोर्स सीरियल तथा वाणिज्यिक फसल जैसे गन्ना तथा जूट के उत्पादन के लिए कुल 109.87 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी गयी है, जिसमें राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत राज्यांश के अतिरिक्त 3 करोड़ रुपये का टॉपअप दिया जायेगा.
इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2019-20 में सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजना के संचालन के लिए 100.19 करोड़ रुपये, संविदा आधारित नियोजित कर्मियों के वेतन, बामेती परिसर का प्रबंधन, सुरक्षा एवं अन्य प्रचार-प्रसार कार्यक्रम के लिए 44.25 करोड़ रुपये स्वीकृत, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, जलछाजन विकास के तहत नियोजित जलछाजन दल 198 कर्मियों के मानदेय भुगतान के लिए 3.08 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी गयी है.