पटना : रिश्वतखोरी को लेकर निगरानी द्वारा आराेपित बनाये गये बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य रामकिशोर सिंह की अध्यक्षता वाले बोर्ड द्वारा लिये गये इंटरव्यू पर अब सवाल उठने लगे हैं. निगरानी के मुकदमे की जानकारी के बाद कई पीड़ित अभ्यर्थी और इनसे जुड़े कुछ लोग भी खुलकर सामने आने लगे हैं.
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रामकिशोर के बोर्ड में सेटिंग वालों को मिलते थे अधिक अंक
पटना : रिश्वतखोरी को लेकर निगरानी द्वारा आराेपित बनाये गये बिहार लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य रामकिशोर सिंह की अध्यक्षता वाले बोर्ड द्वारा लिये गये इंटरव्यू पर अब सवाल उठने लगे हैं. निगरानी के मुकदमे की जानकारी के बाद कई पीड़ित अभ्यर्थी और इनसे जुड़े कुछ लोग भी खुलकर सामने आने लगे हैं. पीड़ित […]
पीड़ित अभ्यर्थियों के मुताबिक इंटरव्यू पैनल में बकायदा रामकिशोर मौजूद रहते थे और अपने सेटिंग वाले अभ्यर्थियों को क्वालिफाइ कराने के लिए मनमाना ढंग से अंक देते थे, जिससे कि लिखित परीक्षा में कम अंक होने के बाद भी वे अच्छे अंकों से क्वालिफाइ हो सके.
ऐसे ही पीड़ित एक अभ्यर्थी बताते हैं कि लिखित परीक्षा में उनके 789 अंक थे. लेकिन 11 अप्रैल, 2018 को पहली पाली में हुए इंटरव्यू के दौरान उन्हें जानबूझ कर बेइज्जत किया गया और 10 मिनट में ही अनाप-शनाप सवाल पूछकर बाहर कर दिया गया. नतीजा इंटरव्यू में सिर्फ 30 अंक दिये गये. इसके कारण उनका डीएसपी बनने का सपना पूरा नहीं हो सका.
हालांकि, अभी वह इतिहास विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर बन गये हैं. इसी तरह शिक्षण का कार्य करने वाले एक अन्य अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा में 780 अंक थे, लेकिन उन्हें भी इंटरव्यू में सिर्फ 25 अंक दिये गये. जबकि इनके पढ़ाये कई अभ्यर्थी बीपीएससी क्वालिफाइ कर चुके हैं और अभी डीएसपी बने हुए हैं.
वहीं दूसरी तरफ एक ऐसे अभ्यर्थी का भी पता चला, जिन्हें लिखित परीक्षा में महज 743 अंक आये थे, लेकिन इंटरव्यू में 100 से ज्यादा अंक मिल गये. वह वर्तमान में किसी जिले में डिप्टी कलक्टर के पद पर तैनात हैं. सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर भी इनके कारनामों से जुड़े कुछ पोस्ट दिखने लगे हैं. रामकिशोर सिंह की करतूतों का खुलासा होने के बाद तो एक अभ्यर्थी ने यहां तक कहा कि वह इस मामले में फिर से केस करने की सोच रहे हैं.
प्रभात खबर को बताया
एक अभ्यर्थी को मेंस में 789 अंक मिले, लेकिन इंटरव्यू में दिये महज 30 अंक
एक दूसरे अभ्यर्थी को मेंस में मिले थे 743 अंक, इंटरव्यू में 100 से ज्यादा अंक देकर उसे कराया क्वालिफाइ
मैंने निष्पक्षता से काम किया, कोर्ट पर भरोसा : रामकिशोर
रामकिशोर सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने प्रभात खबर से बातचीत में कहा कि वह मीडिया ट्रायल के शिकार हो रहे हैं. वह दोषी हैं अथवा नहीं, यह कोर्ट तय करेगा. उनको कोर्ट पर पूरा भरोसा है. श्री सिंह ने कहा, मैंने बिल्कुल निष्पक्षता से अपना काम किया है. किसी के प्रति भेदभाव और पक्षपात नहीं किया. जांच में भी पूरा सहयोग कर रहे हैं.
इंटरव्यू के दौरान जानवरों की उपमा देकर अभ्यर्थियों को करते थे जलील
इंटरव्यू के दौरान सदस्य रामकिशोर सिंह इतने हावी होते थे कि इंटरव्यू लेने वाले अन्य एक्सपर्ट की इनके आगे उतनी चलती ही नहीं थी. अरवल जिले के करपी थाने के रहने वाले एक अभ्यर्थी ने बताया कि रामकिशोर सिंह ने उन्हें इतिहास के एक सवाल पर कुत्ता व गधा तक कहकर जलील किया और बाहर निकाल दिया, जबकि वह आज भी इतिहास विषय पर रामाकिशोर सिंह से शास्त्रार्थ करने को तैयार हैं.
मैथिली भाषा के अभ्यर्थियों का भी आरोप है कि उनके साथ भी उन्होंने इसी तरह का व्यवहार किया और अपने तथाकथित चहेतों का चयन कराने के लिए इंटरव्यू में उन्हें जानबूझ कर कम अंक दिये थे.
बढ़ेगा जांच का दायरा कई अन्य के भी नाम आ सकते हैं सामने
पूर्व सदस्य रामकिशोर सिंह से जुड़ी निगरानी की जांच का दायरा बढ़ना तय माना जा रहा है. इसकी जद में कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं. उन्होंने अब तक कितने अभ्यर्थियों का चयन सेटिंग से कराया है, वैसे कुछ लोगों के नाम भी सामने आ सकते हैं. चार्जशीट दायर होने के पहले तक कुछ नये खुलासे हो सकते हैं.
बीपीएससी का कार्यकलाप निष्पक्ष व पारदर्शी : शिशिर
पटना. बीपीएससी के चेयरमैन शिशिर सिन्हा ने शनिवार को एक समारोह में कहा कि बीपीएससी देश की सबसे प्रतिष्ठित संस्था है. इसका कार्यकलाप पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होता है. यहां इंटरव्यू पूरी तरह गोपनीय होता है. इसमें शामिल विशेषज्ञ को अंतिम समय में प्रतिभागियों और अन्य प्रक्रियाओं की जानकारी दी जाती है.
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