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पटना : एनएच पर करना होगा काफी काम
राष्ट्रीय औसत 7.5 किलोमीटर, जबकि बिहार में यह 4.87 किमी है पटना : नेशनल हाइवे की लंबाई के मामले में बिहार अभी भी दूसरे कई प्रदेशों से पीछे चल रहा है. प्रति लाख आबादी पर सड़कों की राष्ट्रीय औसत करीब 7.5 किलोमीटर है. जबकि, बिहार में यह 4.87 किमी ही चल रही है. यानी बिहार […]
राष्ट्रीय औसत 7.5 किलोमीटर, जबकि बिहार में यह 4.87 किमी है
पटना : नेशनल हाइवे की लंबाई के मामले में बिहार अभी भी दूसरे कई प्रदेशों से पीछे चल रहा है. प्रति लाख आबादी पर सड़कों की राष्ट्रीय औसत करीब 7.5 किलोमीटर है. जबकि, बिहार में यह 4.87 किमी ही चल रही है. यानी बिहार में एक लाख की आबादी पर राष्ट्रीय उच्च पथों की लंबाई मात्र 4.87 किलोमीटर है.
राज्य की सीमा मेें 5357.6 किमी लंबी नेशनल हाइवे भले ही झारखंड से लंबी हो, पर बंगाल, ओड़िशा, गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, मध्य प्रदेश और कनार्टक जैसे राज्यों से काफी पीछे है. झारखंड में 3367 किमी नेशनल हाइवे है. वहीं, पश्चिम बंगाल में 3664 किमी, ओड़िशा में 5762 किमी, यूपी में 11 हजार 737 किमी, गुजरात में 6635 किमी, महाराष्ट्र में 17 हजार 757 किमी, मध्य प्रदेश में 8772 किमी और कर्नाटक में 7335 किमी है.
मुख्य सड़कों की लंबाई 6976 किमी बढ़ी
बिहार में पिछले 18 सालों में मुख्य सड़कों की लंबाई करीब 6976 किमी बढ़ी है. इसमें नेशनल हाइवे (एनएच), स्टेट हाइवे (एसएच) और सभी जिलों की मुख्य सड़कें शामिल हैं. इस समय इन सड़कों की कुल लंबाई करीब बीस हजार पांच सौ आठ किमी है. 2001 में इनकी लंबाई 13532 किमी थी.
एक लाख आबादी पर करीब 201.5 किमी सड़क
सूत्रों का कहना है कि इस समय प्रति एक लाख आबादी पर करीब 201.5 किमी सड़क है. जबकि, 2005 में यह 175 किमी लंबी थी. सूत्रों का कहना है कि इस समय राज्य में एनएच की लंबाई करीब 5357.6 किमी है. 2001 में यह करीबतीन हजार चार सौ दस किमी थी. वहीं, एसएच की लंबाई इस समयकरीब चार हजार पांच किमी है
जबकि, 2001 में यह दो हजार तीन सौ तिरासी किमी थी. सभी जिलों के मुख्य सड़कों की लंबाई इस समय करीब 11 हजार 145 किमी है. 2001 में यह सात हजार सात सौ उनचालीस किमी थी.
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