आनंद तिवारी
एक जैसे दो कैदी वाहन लेकर पहुंची पुलिस
पटना : बेऊर जेल शिफ्ट करने के फैसले के दौरान अनंत सिंह के समर्थकों के पटना पहुंचने और किसी भी तरह के उत्पात मचाने की संभावनाओं को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिये थे.
इससे जेल के आसपास ग्रुप में किसी समर्थक को खड़ा नहीं होने दिया गया. बाइपास मेन रोड से लेकर जेल की तरफ जाने वाले रास्तों पर पुलिस के जवान तैनात थे. वहीं, जैसे ही विधायक की गाड़ी अंदर प्रवेश की उस समय कुछ देर के लिए सड़क की नाकाबंदी कर दी गयी. हालांकि, आम यातायात बाधित नहीं हुई.
जेल से गुजरी स्काॅर्पियो, तो उड़ी अफवाह : जेल के बाहर सुबह से शाम तक गहमागहमी बनी रही. दिन भर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा रहा और हर थोड़ी-थोड़ी देर में विधायक अनंत सिंह के आने को लेकर अटकलें लगती रहीं. कई ऐसे मौके भी आये, जब अफवाहों से कौतूहल बना. लेकिन, कुछ देर बाद हकीकत सामने आ जाती. ऐसा ही एक वाक्या तब हुआ, जब जेल जेल से एक स्काॅर्पियो गाड़ी गुजरी.
उस दौरान लोगों ने अनंत सिंह के आने की अफवाह उड़ी दी. बाद में पता चला कि उस गाड़ी में विधायक नहीं बल्कि आम लोग जा रहे हैं. इसी तरह एक और अफवाह उड़ी कि अनंत सिंह अब शाम तीन बजे के बाद आयेंगे. ऐसे में सुबह 10 से 12:30 बजे तक कई तरह के अफवाह उड़ते रहे. दोपहर करीब 11:50 बजे एक 35 साल का व्यक्ति जेल से सटे मेन गेट के किनारे जाकर बैठ कर फल खाने लगा, तो पुलिसकर्मी उसे विधायक का आदमी समझ कर पकड़ लिया.
पुलिस की 22 गाड़ियों के बीच जेल पहुंचे बाहुबली : बेऊर जेल जाने के दौरान विधायक के समर्थक कहीं पुलिस पर पथराव न करें, इसको लेकर पुलिस चौकन्ना थी. अनंत सिंह को बाढ़ से पटना जेल लाने के क्रम में एक जैसे दो कैदी वाहन का इस्तेमाल किया गया. बाढ़ से पटना के बीच कुल 22 पुलिस की गाड़ियां थी. जिसका नेतृत्व आइपीएस अधिकारी लिपि सिंह ने किया. दोनों कैदी वाहन के साथ सात पुलिस की गाड़ियां जेल में प्रवेश की.
एक नजर में कब क्या हुआ
सुबह 9:30 बजे से ही पुलिस का सख्त पहरा लगा दिया गया
दिल्ली की गो एयर की फ्लाइट से पटना एयरपोर्ट पर जैसे ही विधायक के आने की सूचना हुई और बाढ़ कोर्ट ने 14 दिनों का न्यायिक हिरासत में जाने का फैसला सुनाया, पुलिस मुख्यालय अलर्ट हो गया.
बेऊर जेल में सुरक्षा के इंतजाम कर दिये गये. सुबह 9:30 बजे से ही पुलिस का सख्त पहरा लगा दिया गया. पग-पग पर हथियार से लैस पुलिस के जवान हर चुनौती व खतरे से निबटने के लिए पूरी तरह चौकस थे. मुख्य रोड से एक-एक करते मीडियाकर्मियों का कारवां जुटना शुरू हुआ, तो दूसरी ओर पुलिस की मुस्तैदी बढ़ती गयी.
क्या कहते हैं एएसपी अभियान
विधायक के समर्थक कहीं पथराव या उपद्रव नहीं करें, इसको लेकर पुलिस ने कड़े सुरक्षा के इंतजाम किये थे. क्योंकि, पुलिस को पहले से संदेह था कि असामाजिक तत्व कहीं वाहन पर हमला न कर दें. दो कैदी वाहन एक समान लगाये गये थे एक में अनंत सिंह और दूसरे में सुरक्षाकर्मी बैठे थे. सुरक्षा को देखते हुए एयरपोर्ट का रास्ता बदला गया और उनको सुरक्षित बाढ़ कोर्ट ले जाया गया. फिलहाल बेऊर जेल की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है.
अनिल कुमार सिंह, एएसपी, अभियान
पूर्व आइपीएस को मिली सुरक्षा
पटना : अनंत सिंह के आवास पर प्रतिबंधित हथियारों का जखीरा है. इसकी दस साल पहले सूचना देने वाले पूर्व आइपीएस अमिताभ कुमार दास को सुरक्षा मिल गयी है.
रविवार को पटना पुलिस के दो गनर सुरक्षा में उनके आवास पहुंच गये. हालांकि पूर्व आइपीएस ने सुरक्षा में बीएमपी वन के दो गोरखा उपलब्ध कराने की मांग की थी. अमिताभ कुमार दास ने 21 अगस्त को डीजीपी को पत्र लिखकर विधायक अनंत सिंह से जान का खतरा बताया था.
लोकसभा चुनाव 2009 के दौरान अमिताभ कुमार दास ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुधीर कुमार राकेश को गोपनीय पत्र लिखा था. इसमें जानकारी दी थी कि अनंत सिंह के पास उनके गांव नदावां में एके 47 , एके- 56 और लाइट मशीनगन जैसे आधुनिक हथियार हैं. 1997 में बाढ में एएसपी रहे अमिताभ कुमार दास का कहना है कि अनंत सिंह उनकी हत्या कराने का षड्यंत्र रच रहे हैं. उनकी हत्या के लिये सुपारी भी दे दी गयी है.
पूरी रात दिल्ली एयरपोर्ट पर थे विधायक
शनिवार की रात को ही विधायक अनंत सिंह को पुलिस लाने वाली थी. लेकिन, कुछ तकनीकी कारणों की वजह से रात के आने का प्लान रद्द कर दिया गया. ऐसे में कड़ी सुरक्षा के बीच विधायक पूरी रात दिल्ली एयरपोर्ट पर थे.
सुरक्षा को देखते हुए एयरपोर्ट पर अलग व्यवस्था की गयी थी. रविवार की सुबह दिल्ली से आने वाली गो एयर की दूसरी फ्लाइट से विधायक को पटना एयरपोर्ट लाया गया. बड़ी बात तो यह है कि विधायक के आने की भनक जैसे ही मीडियाकर्मियों को लगी वह सीधे एयरपोर्ट पहुंच गये.
विधायक से बातचीत करने के लिए कुछ मीडियाकर्मी स्टेट हैंगर, तो कुछ एक्जिट गेट पर थे. लेकिन, पुलिस ने मीडिया के सवालों से बचाते हुए उनको इंडियन आयल वाले गेट से बाहर निकाला और पहले से लगी स्काॅर्पियो में बैठा कर सीधे बाढ़ लेकर चली गयी.