पटना :लंबे समय से बीमार चल रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा का 83 वर्ष की आयु में दिल्ली के एक अस्पताल में सोमवार को निधन हो गया. पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि 82 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र कैंसर रोग से पीड़ित थे. राज्यपाल फागू चौहान ने जगन्नाथ मिश्र के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि मिश्र एक कुशल प्रशासक, संवेदनशील राजनेता और अर्थशास्त्र के विद्वान प्राध्यापक थे. उन्होंने तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री के रूप में इस प्रदेश एवं देश की सेवा की. उनके निधन से देश को, विशेषकर बिहार प्रांत के राजनीतिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है.
जगन्नाथ मिश्रा अपने पीछे तीन बेटे और तीन बेटियों के साथ भरा-पूरा परवार छोड़ गये हैं. मालूम हो कि उनकी पत्नी वीणा मिश्रा का पिछले साल जनवरी माह में गुड़गांव के मेदांता हॉस्पीटल में 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डॉ जगन्नाथ मिश्रा के निधन पर राज्य में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. साथ ही कहा है कि डॉ मिश्रा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा.
Bihar former Chief Minister Jagannath Mishra has passed away in Delhi after prolonged illness. pic.twitter.com/zyDlVD4HBP
— ANI (@ANI) August 19, 2019
Bihar Chief Minister Nitish Kumar has expressed grief on the death of former CM #JagannathMishra. Three-day state mourning declared in Bihar. The former CM will be cremated with state honours https://t.co/09Yc5e3Qj2
— ANI (@ANI) August 19, 2019
कौन हैं जगन्नाथ मिश्रा?
जगन्नाथ मिश्रा का जन्म सुपौल जिले के बलुआ बाजार में 24 जून, 1937 में हुआ था. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मिश्रा ने प्रोफेसर के रूप में अपना कॅरियर शुरू करते हुए बिहार विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बने. डॉ मिश्रा तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
राजनीति में बचपन से ही उनकी रुचि थी. उनके बड़े भाई, ललित नारायण मिश्र राजनीति में थे. डॉ मिश्रा विश्वविद्यालय में पढ़ाने के दौरान ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गये. वर्ष 1975 में पहली बार वे बिहार के मुख्यमंत्री बने.
दूसरी बार 1980 और आखिरी बार 1989 से 1990 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वह केंद्रीय कैबिनेट मंत्री भी रहे. डॉ मिश्र का नाम बिहार के बड़े नेताओं में शुमार किया जाता है. कांग्रेस छोड़ने के बाद, वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये.
चारा घोटाले में जुड़ा नाम
चारा घोटाला की शुरुआत जगन्नाथ मिश्रा के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ही हो चुकी थी. हालांकि, मामले का खुलासा उससमय हुआ, जब 1990 के दशक में लालू यादव मुख्यमंत्री थे. जगन्नाथ मिश्रा पर आरोप था कि इन्होंने दुमका और डोरंडा निधि से धोखाधड़ी कर रुपये निकाले. सीबीआई अदालत ने डॉ मिश्रा को चार साल की सजा सुनायी. साथ ही दो लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाया गया था.