एक महिला के पेट में उपकरण छोड़ने के आरोप में डॉ रंजीत को बरखास्त व प्रैक्टिस पर रोक लगाने का निर्देश
पटना : बिहार मानवाधिकार आयोग ने काम में लापरवाही बरतने के आरोप में डॉ रंजीत कुमार को बरखास्त करने का निर्देश दिया है. डॉ रंजीत पर गर्भाशय के ऑपरेशन के दौरान एक महिला के पेट में उपकरण छोड़ने तथा पेशाब की नली को छोटी आंत से जोड़ने का आरोप है.
आयोग ने इस डॉक्टर के खिलाफ एक अन्य मामले में भी संज्ञान लिया है. उनके द्वारा किये गये ऑपरेशन से एक महिला की मौत हो गयी थी. आयोग को यह जानकारी पटना के एसएसपी ने दी. शुक्रवार को आयोग ने राम नारायण सिंह को दो माह में एक लाख रुपया मुआवजा देने, डॉ रंजीत कुमार को सरकारी सेवा से बरखास्त करने, जांच रिपोर्ट बिहार काउंसिल ऑफ मेडिकल एजुकेशन को भेजने और स्पीडी ट्रायल कर डॉक्टर को सजा दिलाने का निर्देश जारी किया है.
क्या है मामला
आयोग के सदस्य व राज्य के पूर्व डीजीपी नीलमणि ने बताया कि अथमलगोला निवासी राम नारायण सिंह ने पत्नी शीला देवी के गर्भाशय का ऑपरेशन 13 दिसंबर, 2010 को डॉ रंजीत कुमार के बख्तियारपुर स्थित साक्षी सर्जरी सेंटर में कराया था, लेकिन ऑपरेशन के बाद उनकी पत्नी की पेशाब की नली से उनका भोजन आने लगा. बाद में उन्होंने डॉ निर्मल कुमार से इलाज कराया.
डॉ निर्मल ने जांच में पाया कि महिला के पेट में कॉटन गॉज छोड़ दिया गया है और छोटी आंत को पेशाब की नली से जोड़ दिया गया है. आयोग ने डॉक्टर के करतूत को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में पटना के एसएसपी को आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था.
पुलिस को जांच में पता चला कि डॉक्टर के खिलाफ बख्तियारपुर थाने में भी एक मामला दर्ज है. बख्तियारपुर के प्रशांत कुमार की मां का गलत ऑपरेशन डॉक्टर रंजीत ने किया था, जिससे उनकी मौत हो गयी.
आयोग ने उक्त डॉक्टर के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख को भी जांच का आदेश दिया था. जांच में डॉक्टर की लापरवाही सामने आयी है.