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पटना जीपीओ घोटाला : आनन-फानन में एसबी से पांच कर्मचारियों का तबादला
पटना : पटना जीपीओ में एसबी (सेविंग बैंक) विभाग में कार्यरत पांच कर्मचारियों का सोमवार की देर रात तबादला कर दिया गया. शेष कर्मचारी आज भी एसबी विभाग में काम करते नजर आये. इस तबादले को पटना जीपीओप्रशासन का सामान्य तबादला बताया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि घोटाले का इस तबादले से […]
पटना : पटना जीपीओ में एसबी (सेविंग बैंक) विभाग में कार्यरत पांच कर्मचारियों का सोमवार की देर रात तबादला कर दिया गया. शेष कर्मचारी आज भी एसबी विभाग में काम करते नजर आये. इस तबादले को पटना जीपीओप्रशासन का सामान्य तबादला बताया जा रहा है.
अधिकारियों का कहना है कि घोटाले का इस तबादले से कोई संबंध नहीं है. तबादला किये गये कर्मचारियाें की कार्य अवधि के दो साल पूरे हो गये थे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केवीपी इंचार्ज (भुगतान) डाक सहायक और सहायक डाकपाल का तबादला नहीं किया गया है, जबकि ये दोनों कर्मचारी पिछले आठ-दस साल से एसबी विभाग में ही कार्यरत हैं. बीच-बीच में चार-पांच माह के लिए दूसरे विभाग में तबादला कर दिया जाता है और फिर वापस आ जाते हैं. इसे लेकर कर्मचारियों में काफी आक्रोश है.
अब तक तीन कर्मचारी
निलंबित : घोटाले में शामिल तीन कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है. इनमें काउंटर क्लर्क मुन्ना कुमार, सहायक डाक पाल राजेश कुमार शर्मा तथा सुजय तिवारी को निलंबित किया जा चुका है. अधिकारियों सेमिली जानकारी के अनुसार अन्य कर्मचारी और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.
जांच को लेकर संशय
कर्मचारी संघों के अधिकारियों में पटना जीपीओ में 50 लाख रुपये से अधिक के घोटाले की आंतरिक जांच में एसबी विभाग के कर्मचारियों को रखे जाने को लेकर आक्रोश है.जांच टीम में डाक सहायक अनुज सिंह, डाक सहायक रजनीश कुमार तथा डाक निरीक्षक तबरेज आलम शामिल हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि विभागों पर नजर रखने की जिम्मेदारी डिप्टी चीफ पोस्ट मास्टर (प्रशासन) की है. इसलिए विभाग में हुई किसी घटना की जिम्मेदारी से नहीं बच सकते हैं, क्योंकि इतना बड़ा घोटाला वरीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण ही संभव हो पाया है. घोटाले के बाद भी एसबी हॉल (प्रतिबंधित क्षेत्र) में कोई भी व्यक्ति बेरोकटोक आ-जा रहा है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. जबकि पिछले सप्ताह पांच कर्मचारियों से काम में उदासीनता को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया था.
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