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पटना : डाटा ऑपरेटरों को हर दूसरे माह की पांच तारीख तक भुगतान : सुशील मोदी
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बेलट्रॉन द्वारा आउटसोर्स किये गये डाटा ऑपरेटरों के भुगतान की व्यवस्था सुचारु की जा रही है. यह व्यवस्था की जा रही है कि उनको हर दूसरे माह के पांच तारीख तक भुगतान कर दिया जाये. वह विधानसभा में शकील अहमद खां के तारांकित प्रश्न का जवाब […]
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बेलट्रॉन द्वारा आउटसोर्स किये गये डाटा ऑपरेटरों के भुगतान की व्यवस्था सुचारु की जा रही है.
यह व्यवस्था की जा रही है कि उनको हर दूसरे माह के पांच तारीख तक भुगतान कर दिया जाये. वह विधानसभा में शकील अहमद खां के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. मोदी ने बताया कि बेलट्राॅन के माध्यम से 7694 डाटा ऑपरेटरों की सेवा आउटसोर्स की गयी है. यह बात सही है कि उनके वेतन भुगतान में दो-तीन माह का विलंब होता है. यह सब एक प्रक्रिया का कारण होता है.
बेलट्राॅन द्वारा पहले उनकी उपस्थिति की रिपोर्ट भेजी जाती है. इसके बाद उनका वेतन की राशि तैयार होती है और उसे जारी की जाती है. फिर बेलट्राॅन द्वारा उस आधार पर भुगतान किया जाता है. इन डाटा आॅपरेटरों को तीन प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि का लाभ भी दिया जाता है.
मंदिरों की भी घेराबंदी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कब्रिस्तानों की घेराबंदी ही नहीं, बल्कि मंदिरों की घेराबंदी का काम भी विधायकों को सीएम क्षेत्र विकास निधि से कराने का अधिकार दिया गया है.
पटना. बिहार सहकारी सोसाइटी नियमावली 1959 में सहकारिता विभाग द्वारा आंशिक संशोधन किया गया है. इससे सोसाइटी की प्रबंध समिति में निर्वाचित कोई भी सदस्य किसी दांडिक प्रक्रिया में महज संज्ञान लेने के कारण अयोग्य नहीं होंगे. सहकारिता मंत्री राणा रणधीर ने विधानसभा में बताया कि नियमावली में संज्ञान शब्द को हटा दिया गया है.
इसको लेकर पांच जुलाई काे आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिया गया है. सहकारिता मंत्री सोमवार को जिवेश कुमार के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब दे रहे थे. ध्यानाकर्षण के माध्यम से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा गया था कि नियम की गलत व्याख्या कर निर्वाचित मंत्री व अध्यक्ष पर संज्ञान कराकर उसे अयोग्य किया जा रहा है. ऐसे में संज्ञान शब्द को हटा कर वहां पर सजायाफ्ता जोड़ा जाये.
नये जिला व अनुमंडल के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं
पटना : राज्य सरकार ने विधानसभा में यह साफ कर दिया कि निकट भविष्य में प्रदेश में नया जिला और नये अनुमंडल के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने विधानसभा में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राज्य में नये जिला, अनुमंडल व प्रखंडों के गठन का कोई प्रस्ताव नहीं है.
प्रभारी मंत्री ने कहा कि नया जिला व अनुमंडल के गठन को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्री समूह का गठन किया गया है. इसी तरह से नये जिलों के गठन को लेकर सचिवों का समूह भी गठित है. उन्होंने बताया कि जिलों के गठन के लिए कोई मापदंड नहीं है. प्रभारी मंत्री विधानसभा में सरकार की ओर से सत्यदेव प्रसाद सिंह और डॉ अशोक कुमार के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे.
सत्यदेव प्रसाद सिंह तारांकित प्रश्न के माध्यम से सरकार से यह जानना चाहते थे कि महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के बसंतपुर को जिला बनाने या प्रखंड मुख्यालय को जिला का दर्जा देने का विचार रखती है. इसी तरह से डाॅ अशोक कुमार ने समस्तीपुर जिले के रोसड़ा अनुमंडल को जिला बनाने के प्रस्ताव की जानकारी मांगी थी.
प्रश्न पूछने वाले छह सदस्य रहे गैरहाजिर
पटना : विधानसभा में सरकार से अपने क्षेत्र व सार्वजनिक हित के सवाल पूछने वाले छह सदस्य सदन से अनुपस्थित रहे. ऐसे में सरकार द्वारा तैयार किया गया जवाब सदन में नहीं आ सका. विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होते ही प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी द्वारा तारांकित प्रश्न पूछने वाले सदस्यों का नाम पुकारा गया.
पर, वह उपस्थित नहीं हुए. सदन में अनुपस्थिति के कारण जिन सदस्यों का जवाब नहीं हो सका, उसमें महबूब आलम, यदुवंश कुमार यादव, भागरथी देवी, प्रभुनाथ प्रसाद, सैयद अबु दोजाना और डाॅ रंजू गीता शामिल हैं. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि सदस्यों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जवाब विधानसभा की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जा रहा है.
जिन सदस्यों द्वारा सवाल पूछा जा रहे है, वह प्रश्नों का उत्तर वेबसाइट पर देख कर सदन में पूरक पूछें तो सदन का समय बचेगा और अधिक सवालों का उत्तर भी आयेगा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सोमवार को सदन में कुल 67 तारांकित प्रश्न पूछे गये, जिसमें 26 प्रश्नों का जवाब वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आसन का ध्यान आकृष्ट कराया कि वह मंत्रियों को भी यह निर्देश दें कि वह भी वेबसाइट पर दिये गये जवाब को देखकर आएं. सोमवार को दिये गये 26 प्रश्नों के जवाब को किसी सदस्य ने नहीं देखा था. ऐसे में आसन की ओर से इसे बार बार स्मरण कराया गया.
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