अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की समीक्षा
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्योग विभाग के अधिकारियों से कहा है कि 2011 की जनगणना के आधार पर मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना में एससी-एसटी की जिलावार आबादी को ध्यान में रखते हुए ही लाभुकों का चयन करें. आबादी के अनुरूप जिलावार लक्ष्य निर्धारित होगा, तभी पूरे बिहार में इस योजना का लाभ पहुंचेगा. मुख्यमंत्री सोमवार को संकल्प में इस योजना की समीक्षा कर रहे थे.
उद्योग विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के क्रियान्वयन के विभिन्न स्तर, कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति एवं उपलब्धियों के विषय में पूरी जानकारी मुख्यमंत्री को दी. प्रस्तुतीकरण के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना का मकसद अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लाभुकों को लाभ देकर उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना है.
इससे ये सम्मान के साथ वो जीवनयापन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि आवेदकों का फिजिकल वेरिफिकेशन कराने के साथ ही इकाई का निबंधन भी सुनिश्चित होना चाहिए, ताकि कहीं से भी गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहे. उन्होंने इस काम में डीएमआइ, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान जैसे अन्य संस्थानों का लाभुकों के प्रशिक्षण के लिए सहयोग लेने को कहा.
आवेदकों का फिजिकल वेरिफिकेशन हाे सुनिश्चित
ये अधिकारी भी थे मौजूद
बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस. सिद्धार्थ, योजना एवं विकास विभाग के सचिव मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, चंद्रशेखर सिंह सहित उद्योग एवं बियाडा के अधिकारीगण उपस्थित थे.
बुनकरों की स्टेट सोसाइटी बनाने का िनर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि हैंडलूम के लिए भी पॉलिसी बन गयी है. इसको प्रोमोट करने की जरूरत है. सीएम ने धुनिया, रंगरेज और दर्जी समुदाय के लिए बनी सोसाइटी के तर्ज पर बुनकरों की स्टेट सोसाइटी बनाने को कहा. समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और उद्योग मंत्री श्याम रजक भी मौजूद थे.