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चमकी बुखार : बच्चों की मौत पर दोनों सदनों में हंगामा, सीएम बोले, पीड़ित इलाके के सभी परिवारों को मिलेगा योजनाओं का लाभ

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चमकी बुखार या जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेइ) या एइएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) से निबटने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है. आने वाले वर्षों में इसकी रोकथाम की जा सके, इसके लिए बीमारी से पीड़ित इलाकों के सभी परिवारों को तमाम सरकारी योजनाओं […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चमकी बुखार या जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेइ) या एइएस (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) से निबटने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है.
आने वाले वर्षों में इसकी रोकथाम की जा सके, इसके लिए बीमारी से पीड़ित इलाकों के सभी परिवारों को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ देकर उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जायेगा.
विधानसभा में सोमवार को मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष के कार्यस्थगन पर हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, जिन परिवारों के बच्चे इस रोग से पीड़ित हुए हैं और जिनके बच्चे पीड़ित नहीं हुए हैं, उन्हें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा.
सीएम ने कहा कि इस बीमारी का कारण पता करने के लिए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट आने के बाद इस पर तुरंत उचित कार्रवाई की जायेगी. मरने वालों में अधिकतर यानी करीब 65% बच्चियां हैं. इस इलाके में कन्या उत्थान योजना से सभी बच्चियों को जोड़ा जायेगा, ताकि बच्चियों के पैदा होने पर माता-पिता इन्हें उपेक्षित नहीं समझे.
विधानसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव मंजूर होने के बाद विधानसभा की पहली पाली की सभी सूचीबद्ध कार्य को स्थगित करते इस विषय पर ही चर्चा हुई.
इस दौरान विपक्ष ने सरकार को घेराते हुए स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफा देने की मांग की. बीच-बीच में हंगामा भी हुआ. विधान परिषद में भी इस मामले पर विपक्षी सदस्यों ने अपनी सीट पर खड़े होकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ नारेबाजी की. विधान परिषद में मंगलवार को सरकार इस मसले पर अपना पक्ष रखेगी.
इधर, विधानसभा में मुख्यमंत्री से पहले स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अब तक की अपडेट स्थिति को बताते हुए सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इस इलाके में अधिकतर पीड़ित परिवार झोंपड़ी में रहने वाले थे. इन लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर दिलाया जायेगा.
जिन्हें इस योजना के तहत घर नहीं मिला, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर दिया जायेगा. इसके अलावा 1996 के पहले जिनका इंदिरा आवास बना है, उन्हें भी इस योजना के तहत लाभ दिया जायेगा. जिनके पास आवास के लिए जमीन नहीं है, उन्हें 60 हजार रुपये सहायता राशि दी जायेगी. पूरे इलाके में सभी को आवास दिया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां के लोगों को सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा जायेगा. सर्वे करके हाशिये पर रहने वाले लोगों को रोजगार शुरू करने के लिए 60 हजार से एक लाख रुपये तक की सहायता दी जायेगी.
महिलाओं को जीविका समूह से जोड़ा जायेगा. इससे इन परिवारों की आमदनी बढ़ेगी और इनमें जागृति आयेगी.मुख्यमंत्री ने कहा कि जेइ से बचाव के लिए टीकाकरण कराया जायेगा. इसकी दवा प्राप्त करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है.
संपूर्ण टीकाकरण का अभियान यहां चलाया जायेगा. इसके अलावा इस इलाके में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना अधिक से अधिक संख्या में की जायेगी. सभी घरों में शौचालय का निर्माण कराया जायेगा. पीने के लिए स्वच्छ पानी मुहैया करायी जायेगी. अगर स्वच्छ जल और शौचालय की व्यवस्था हो गयी, तो 80% बीमारी नहीं रहेगी.
सीएम ने बच्चों के मौत की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक बताते हुए कहा कि इसके संपूर्ण रोकथाम के लिए जागरूकता सबसे अहम है. इससे ही सामाजिक उत्थान संभव होगा. संबंधित गांवों के अलावा इसके आसपास के इलाकों में तमाम जरूरी योजनाओं का लाभ दिलाया जायेगा.
एसकेएमसीएच में बढ़ेगी बेडों की संख्या
मुख्यमंत्री ने एकेएमसीएच में बेडों की संख्या बढ़ाकर ढाई हजार करने की बात कही. यह काम दो चरणों में किया जायेगा. पहले चरण में डेढ़ हजार बेड बढ़ेंगे. एसकेएमसीएच में बेडों की यह बढ़ोतरी एनएमसीएच और आइजीआइएमएस के तर्ज पर की जायेगी. इसी तरह गया मेडिकल कॉलेज में बेडों की संख्या बढ़कर डेढ़ हजार हो जायेगी. इसकी डीपीआर तैयार हो रही है.

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