पटना : शनिवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में महज सात वार्ड पार्षदों के आने के कारण बैठक स्थगित कर दी गयी. इसे लेकर मेयर अफजल इमाम व नगर आयुक्त कुलदीप नारायण एक बार फिर आमने-सामने आ गये हैं. दरअसल, मेयर ने 11 जुलाई को नगर आयुक्त को पत्र लिख कर 19 जुलाई को बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया था.
शनिवार को साढ़े 12 बजे एसके मेमोरियल हॉल में बैठक होना सुनिश्चित था, लेकिन निर्धारित समय पर सिर्फ अधिकारी व दो वार्ड पार्षद ही उपस्थित थे. इसके 10 मिनट बाद मेयर पहुंचे. उस समय तक सिर्फ सात वार्ड पार्षद ही वहां पहुंचे. यहां तक कि डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता भी बैठक में उपस्थित नहीं हुए. ऐसी स्थिति में बैठक स्थगित कर दी गयी. डिप्टी मेयर रूप नारायण मेहता ने निगम मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय में कहा कि मेयर तानाशाही रवैया अपना रहे हैं.
वे सदन का विश्वास खो चुके हैं. यही कारण है कि सिर्फ सात वार्ड पार्षद ही बैठक में उपस्थित हुए. वार्ड पार्षद संजीव कुमार ने कहा कि विपक्षी पार्षद नगर आयुक्त के इशारे पर नाच रहे हैं. बैठक की चिट्ठी नहीं पहुंची, तो नगर आयुक्त को दोष मुक्त कर जनप्रतिनिधि को अपमानित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि विपक्षी भूल गये हैं कि वे भी जनप्रतिनिधि हैं.
नगर आयुक्त ने समय पर सूचना नहीं दी : अफजल
मेयर अफजल इमाम ने बैठक स्थगित करने के बाद नगर विकास सचिव को पत्र लिख कर कहा कि नगर आयुक्त ने बैठक की संचिका को दबा दिया. साथ ही बैठक की सूचना ससमय वार्ड पार्षदों को नहीं दी. पत्र में यह भी कहा गया है कि नगर आयुक्त व नगर सचिव की भूमिका संदिग्ध है, इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त अपनी नाकामी छिपाना चाहते हैं.
सबको समय पर दी गयी थी सूचना : कुलदीप
नगर आयुक्त कुलदीप नारायण ने कहा कि सभी पार्षदों को ससमय सूचना दी गयी है. मेयर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि बैठक बुलाने पर पार्षद नहीं पहुंचे, तो वे हताश में हैं. उन्होंने कहा कि मेयर ने जो आरोप हम पर लगाये हैं, उसका पूरा जवाब देंगे. नगर आयुक्त ने कहा कि बैठक का पत्र 16 जुलाई को निर्गत किया गया था. पत्र वेबसाइट पर कब लोड किया गया, यह कोई मामला नहीं है.