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पटना : बिना नियम-कानून के चल रही निजी सुरक्षा एजेंसी
राज्य में अभी 292 निजी सुरक्षा एजेंसियां निबंधित, 100 एजेंसियों की लाइसेंस अवधि हो गयी समाप्त पटना : राज्य में चलने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है. अभी राज्य भर में निबंधित निजी सुरक्षा एजेंसियों की संख्या 292 है. इसमें 90-95 फीसदी एजेंसियां बिना मानक के ही चल रही हैं. […]
राज्य में अभी 292 निजी सुरक्षा एजेंसियां निबंधित, 100 एजेंसियों की लाइसेंस अवधि हो गयी समाप्त
पटना : राज्य में चलने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है. अभी राज्य भर में निबंधित निजी सुरक्षा एजेंसियों की संख्या 292 है. इसमें 90-95 फीसदी एजेंसियां बिना मानक के ही चल रही हैं.
ये एजेंसियां बिना नियम-कानून के ही चल रही हैं. इसमें कई एजेंसियों की हाल में गृह विशेष विभाग की तरफ से जांच की गयी है, जिसमें कोई भी एजेंसी कहीं से मानक का पालन नहीं करती पायी गयी हैं. अब तक ऐसी 70 निजी सुरक्षा एजेंसियों को विभाग के स्तर से नोटिस जारी किया जा चुका है. इन्हें 15 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है.
इसमें 20 एजेंसी ऐसी हैं, जिन्हें तीन बार नोटिस देने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है. अब इन एजेंसियों से जुड़े मामले की सुनवाई गृह विशेष विभाग शुरू करने जा रहा है. इस दौरान भी अगर इनका जवाब संतोषजनक नहीं मिला, तो इनके लाइसेंस तक रद्द हो सकते हैं. कई एजेंसियों का पता तक गलत पाया गया है. इसके अलावा राज्य में 100 एजेंसियां एेसी हैं, जिनके लाइसेंस की अवधि समाप्त हो गयी है. इसमें कइयों ने रिन्युअल नहीं कराया, तो कई का मानक पालन नहीं होने के कारण रिन्युअल नहीं हुआ है.
राज्य में निजी सुरक्षा एजेंसियों का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन बिना मानक का पालन किये ही इनएजेंसियों ने लाइसेंस ले रखा है. विभाग की तरफ से लाइसेंस लेने के लिए निर्धारित 20 शर्तों का पालन अनिवार्य है. इसमें कई शर्तों का पालन लाइसेंस लेने के बाद निर्धारित समयसीमा में करना होता है. परंतु ये एजेंसियां लाइसेंस लेने के बाद शर्तों का पालन करना मुनासिब ही नहीं समझती हैं.
70 एजेंिसयों को नोटिस
एजेंसी के लिए निर्धारित प्रमुख मानक
लाइसेंस लेने के छह महीने के अंदर व्यापार शुरू करना होगा. कार्यालय का नाम, पता के अलावा बहाल कर्मियों का पूरा विवरण भी जमा करना होगा.
गार्ड के रूप में बहाल होने वाले कर्मियों का पूरा विवरण और इनकी जांच संबंधित जिला के एसपी के स्तर से भी इनका वेरीफिकेशन कराना है.
एजेंसी के पास गार्ड को ट्रेनिंग देने की व्यवस्था हो या कहीं अन्य से ट्रेनिंग दिलाने की व्यवस्था करनी है. बिना प्रशिक्षण के किसी गार्ड की बहाली नहीं होगी.
बिहार निजी सुरक्षा अभिकरण नियमावली, 2011 में दिये गये शारीरिक मानकों का पालन करना होगा और उसके अनुसार प्रशिक्षण देना होगा.
प्रत्येक वर्ष सभी गार्डों को मानक के अनुसार जांच होगी. एजेंसियों को भी अपना लाइसेंस समय-सयम पर रिन्युअल कराने से पहले तमाम मानकों पर खरा उतरना होगा.
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