पटना : राज्य में मार्च 2020 तक तीन बड़े पुलों पर आवागमन शुरू हो जायेगा. इसके लिए जोर-शोर से काम चल रहा है. इनमें गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जिले को जोड़ने वाला बंगरा घाट पुल, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिले को जोड़ने वाला सत्तर घाट पुल और खगड़िया व भागलपुर जिले को जोड़ने वाला अगुआनी घाट पुल शामिल हैं. इन पुलों के शुरू होने से आम लोगों के लिए आवागमन की सुविधा बढ़ेगी और यात्रा में समय की बचत होगी.
खगड़िया और भागलपुर जिलों के बीच अगुआनी घाट पुल
खगड़िया जिले के अगुआनी घाट और भागलपुर जिले के सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर 3.160 किमी लंबा फोर लेन केबुल स्टे पुल बन रहा है. इस पुल का निर्माण लागत 17 अरब 11 करोड़ रुपये है. इसे मार्च 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इससे उत्तर बिहार के लोगों को बहुत फायदा होगा.
गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जिलों के बीच बन रहा बंगरा घाट पुल
गंडक पर बंगरा घाट पुल मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज और गोपालगंज जिले के बीच बन रहा है. इस तीन लेन के मुख्य पुल की लंबाई 1.506 किमी और पहुंच पथ की कुल लंबाई 19.00 किमी है. इस पुल की निर्माण लागत करीब पांच अरब नौ करोड़ रुपये है. पुल बनाने की शुरुआत 11 अप्रैल 2014 को हुई थी. इसे पूरा होने का लक्ष्य जून 2019 तक था. इसका भी करीब 85 फीसदी काम हो चुका है.
इन तीनों पुल परियोजनाओं पर जोर-शोर से काम चल रहा है. बंगरा घाट और सत्तर घाट पुल परियोजनाएं तो लगभग पूर्ण हो चुकी हैं. इन दोनों के साथ ही अगुआनी घाट पुल का निर्माण भी मार्च 2020 तक पूरा कर आवागमन शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है.
जितेंद्र श्रीवास्तव, अध्यक्ष, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड
गोपालगंज व पूर्वी चंपारण जिलों के बीच बन रहा सत्तर घाट पुल
सत्तर घाट पुल गोपालगंज जिले के फैजुल्लाहपुर (एसएच-90) व पूर्वी चंपारण जिले के लाला छपरा (एसएच-74) के बीच बनाया जा रहा है. इस पुल की लंबाई 1.440 किमी और इसके पहुंच पथ की कुल लंबाई 9.5 किमी है.
इस पुल का निर्माण लागत करीब दो अरब 63 करोड़ रुपये है. सत्तर घाट पुल का भी 80 फीसदी काम हो चुका है. इस पुल का निर्माण जून 2019 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया था. यह पुल प्रस्तावित राम जानकी मार्ग का भी हिस्सा होगा.