23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

देहदान कर अमर हुईं शिप्रा सेन, आंखों से दूसरे देखेंगे दुनिया

पटना : मृत्यु के बाद भी आपका शरीर किसी के काम आ जाये, तो उससे बड़ा कोई पुण्य नहीं. पटना सहित पूरे बिहार में बीते कुछ सालों में देहदान को लेकर लोगों में जागरूकता आयी है. यही वजह है कि अब आइजीआइएमएस के एनॉटामी विभाग में देहदान के केस आ रहे हैं. देहदान का दूसरा […]

पटना : मृत्यु के बाद भी आपका शरीर किसी के काम आ जाये, तो उससे बड़ा कोई पुण्य नहीं. पटना सहित पूरे बिहार में बीते कुछ सालों में देहदान को लेकर लोगों में जागरूकता आयी है. यही वजह है कि अब आइजीआइएमएस के एनॉटामी विभाग में देहदान के केस आ रहे हैं.

देहदान का दूसरा मामला आइजीआइएमएस में शुक्रवार को आया. जहां 64 साल की शिप्रा सेन के पार्थिव शरीर को उनकी इच्छानुसार आइजीआइएमएस प्रशासन को सौंप दिया गया. बिहार दिवस के पावन मौके पर परिवार के सदस्यों ने देहदान किया.
उनकी आंखों से चार लोगों को मिलेगी रोशनी
गर्दनीबाग की रहने वाली शिप्रा के पति व बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारिणी सदस्य उत्पल सेन ने बताया कि शिप्रा ने समाज के लिए काफी काम किया है. यही वजह है कि सामाजिक स्तर पर उन्हें बहुत सम्मान मिला.
मरने के एक साल पहले उन्होंने बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के समक्ष दधीचि देहदान समिति के तहत अपना देहदान फॉर्म भर दिया था. उनकी मृत्यु 21 मार्च (गुरुवार) को हुई. देहदान समिति ने मृत्यु के बाद आइजीआइएमएस को फोन किया, जहां डॉक्टरों की टीम पहुंची. बॉडी आइजीआइएमएस को मिल गयी.
मेडिकल के छात्रों को पढ़ाई में मदद
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि देहदान के बाद बॉडी को एनाटॉमी विभाग को सौंप दिया गया है. जहां, उस बॉडी से मेडिकल छात्र पढ़ाई करेंगे. उन्होंने बताया कि एनाटॉमी विभाग को यह दूसरी बॉडी दान के रूप में मिली है.
बिहार में देहदान के लिए बनायी जा रही एसओपी : मोदी
पटना . डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में देहदान करने के लिए जल्द ही एक एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर) तैयार किया जायेगा. इसके तहत पूरी प्रक्रिया निर्धारित की जायेगी. एक प्रोटोकॉल तैयार होगा, ताकि इससे किसी को कोई समस्या नहीं होगी.
शुक्रवार को बिहार दिवस के मौके पर दधीचि देहदान समिति के जागरूकता अभियान से प्रेरित होकर 64 वर्षीय शिप्रा सेन का इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में नेत्रदान और देहदान पूरा हुआ. इस समिति के संरक्षक सुशील कुमार मोदी हैं. समिति की पहल से राज्य में यह तीसरा देहदान संपन्न हुआ है. इससे पहले एक आइजीआइएमएस और एक पावापुरी मेडिकल कॉलेज में देहदान हो चुका है.
उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में आइ-बैंक काम करना शुरू कर देगा. डिप्टी सीएम ने देहदान को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि आइजीआइएमएस में 100 मेडिकल छात्रों के बीच प्रायोगिक अध्ययन के लिए महज दो मृत शरीर ही उपलब्ध थे, जबकि प्रति 20 छात्रों के समूह के लिए एक मृत शरीर की जरूरत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें