पटना : राज्य में करीब 200 नन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की 1400 शाखाएं छह हजार करोड़ से अधिक का कारोबार कर रही हैं. बिहार के निवेशकों के हित के लिए बने बीपीआइडी एक्ट में 37 मामले दर्ज होने के बाद राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों को अपने रडार पर रखा है. सुनिश्चित किया जा रहा है कि कहीं कोई फर्जी कंपनी तो नहीं चल रही. कुछ दिन पहले समस्तीपुर में अनिलम निधि लिमिटेड नाम की कंपनी का भंडाफोड़ हुआ था.
पुलिस मुख्यालय ने जिला पुलिस को सभी कंपनियों की सूची उपलब्ध करा दी है. थानेदारों को जांच करनी है कि क्षेत्र में अवैध कंपनी तो नहीं और कंपनी एक साल से कम, पांच साल से अधिक का डिपाॅजिट तो नहीं ले रही. 12.5 फीसदी से अधिक रिटर्न तो नहीं कर रहे.
जो ऐसा कर रहा है वह कानून का उल्लंघन कर रहा है. माइक्रो फाइनेंस के नियामक संगठन भी ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रो फाइनेंस संस्थानों की नकली शाखाओं को लेकर चिंतित है. रिपोर्ट है कि जालसाज माइक्रो फाइनेंस संस्थानाें के नाम पर बीमा प्रीमियम की उगाही कर रहे हैं. लोन देने की आड़ में पैसे की उगाही हो रही है. शिकायत-जानकारी को टोल फ्री नंबर 18002700317 जारी किया गया है.
एडीजी इओयू जितेंद्र सिंह गंगवार ने एसएसपी को माइक्रो फाइनेंस की आड़ में ठगी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में सभी डीएम को सूचित करने और समन्वय कर बीपीआइडी एक्ट के तहत नोटिस, फर्जी कंपनी के संसाधनों की नीलामी आदि कराकर निवेशकों को पैसा वापस कराने को निर्देश दिया है.
अधिकारी बोले
माइक्रो फाइनेंस की आड़ में ठगी के मामले प्रकाश में आये हैं. इओयू ने लोगों को आगाह किया है कि वह आरबीआइ और बिहार सरकार की साइट पर चेक करने के बाद ही निवेश करें. बीपीआइडी एक्ट के तहत दर्ज केसों में कार्रवाई करायी जा रही है. इओयू माइक्रो फाइनेंस पर नजर रखे हुए है.
– सुशील कुमार, एसपी, इओयू