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दानापुर : मेरे बच्चे को मार कर फेंक दिया, लाश भी नहीं मिली

पटना/ दानापुर : चौबीस वर्ष से आंखें इंतजार कर रही हैं, लेकिन न तो दिनेश का कुछ पता चला और न ही उसकी लाश मिली. उस दारोगा ने हमारे बच्चे को मार कर फेंक दिया, लेकिन उसकी लाश भी नहीं दी. लाश भी मिल जाती, तो उसकी आत्मा को शांति व हमें संतुष्टि मिल जाती. […]

पटना/ दानापुर : चौबीस वर्ष से आंखें इंतजार कर रही हैं, लेकिन न तो दिनेश का कुछ पता चला और न ही उसकी लाश मिली. उस दारोगा ने हमारे बच्चे को मार कर फेंक दिया, लेकिन उसकी लाश भी नहीं दी.
लाश भी मिल जाती, तो उसकी आत्मा को शांति व हमें संतुष्टि मिल जाती. यह दर्द है तीन सितंबर, 1995 को पुलिस के हत्थे चढ़े दिनेश कुमार के पिता सूबेदार मेजर योगेंद्र महतो का. गुरुवार को कोर्ट द्वारा तत्कालीन दारोगा राजकुमार यादव को मामले में दोषी करार दिये जाने पर कोर्ट के प्रति आस्था व्यक्त की.
दानापुर के डिफेंस कॉलोनी शाहपुर निवासी योगेंद्र ने कहा कि दोषी को सजा मिले, ताकि फिर कोई इस तरह किसी के बच्चे को छीनने की कोशिश न करे. योगेंद्र महतो के अनुसार तीन सिंतबर की दोपहर करीब तीन बजे दिनेश अपने चचेरा भाई के साथ निकला था.
घर में सबों ने सोचा कि दिनेश उसके साथ गांव चला गया, लेकिन दिनेश गांव न जाकर आम्रपाली सिनेमा में मूवी देखने चला गया. वहां शायद हंगामा हुआ. उसके बाद दिनेश गाभतल निवासी अपने साथी वीरेंद्र (पिता राम विनोद सिंह) के साथ उसके घर चला गया. सुबह तक उसके घर नहीं लौटने पर छानबीन की गयी. तब पता चला कि गाभतल के कुछ लड़कों को पुलिस ने पकड़ा है, जिनमें से दो का एनकाउंटर कर दिया है. पकड़े गये लड़कों में दिनेश व अशोक कुमार के नाम थे, लेकिन पुलिस की ओर से बताया गया कि मौके का फायदा उठा कर भाग गये हैं.
कोर्ट का फैसला देर से आया
मृतक दिनेश की मां रेशमी देवी ने कहा कि 24 साल के बाद कोर्ट से न्याय मिला है. रेशमी पुरानी बात को याद कर रो पड़ीं. कहा कि मेरे बेटे को तो कोई लौटा नहीं सकता है, पर कोर्ट के फैसले ने मरहम का काम किया है. गायब युवक अशोक कुमार अंशु के पिता बैजनाथ प्रसाद रजक व मां माधुरी देवी ने रोते हुए कहा कि हमलोग को भरोसा नहीं था कि हमें न्याय मिल पायेगा. कोर्ट का फैसला देर से आया, पर सकून दे गया. हमलोग अब चाहते हैं कि कोर्ट दोषी को कड़ी-से कड़ी सजा दे.
उिचत सजा िमले ?: राम विनोद सिंह के परिजनों ने कोर्ट में जो गवाही दी है, उसमें बताया गया है कि दोनों भागे नहीं, बल्कि पुलिस उन्हें पकड़ कर ले गयी है. इसके बाद सीबीआइ जांच करायी गयी. अपने तरफ से दिनेश की खोज में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन नहीं लौटा. कोर्ट दोषी को उचित सजा दे.

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