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पटना : हाशिये पर किसान, माफ हो रहे कॉरपोरेट लोन : जयति घोष
एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस पर व्याख्यानमाला पटना : यूपीए टू और एनडीए की सरकार ने किसानों को संकट में डाल रखा है. किसानों को फसल के ठीक दाम मिल नहीं मिल रहे हैं. उनके हक की सब्सिडी बड़े कारोबारी डकार रहे हैं. हालात ये हैं कि कॉरपोरेट कारोबारियों के खराब लोन […]
एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस पर व्याख्यानमाला
पटना : यूपीए टू और एनडीए की सरकार ने किसानों को संकट में डाल रखा है. किसानों को फसल के ठीक दाम मिल नहीं मिल रहे हैं. उनके हक की सब्सिडी बड़े कारोबारी डकार रहे हैं. हालात ये हैं कि कॉरपोरेट कारोबारियों के खराब लोन चुकाने के लिए केंद्र सालाना 78 हजार करोड़ खुद दे रही है. दूसरी तरफ, किसान खेती की लागत तक नहीं निकाल पा रहा है.
यह बात गुरुवार को अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस पर ‘भारत में कृषि संकट और आगे बढ़ने का रास्ता’ विषय पर आयोजित व्याख्यानमाला में ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री जयति घोष ने कही.
घोष ने कहा कि सरकारों एवं दलों के लिए कर्जा माफी ट्रेंड बन गया है. यह तात्कालिक राहत भर है. बहुचर्चित फसल बीमा योजना भी निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का जरिया बन गयी है. कार्यक्रम की अध्यक्षता राजनीति विज्ञान के प्रो अजय झा ने की. मंच का संचालन अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ विद्यार्थी विकास ने दिया.
देश के मुद्दों पर सुश्री जयति घोष ने कहा
– बिहार की इकोनाॅमी क्लाइमेट चेंज से पीड़ित है, यहां इंडोनेशिया की तरह विशेष फंड प्रबंध करना चाहिए.
– बिना लोकपाल भ्रष्टाचार नहीं रुकेगा.
– किसानों को दिया जा रहा न्यूनतम समर्थन मूल्य असरहीन हो गया.
– नोटबंदी और जीएसटी धोखाधड़ी है.
– किसानों की कर्ज माफी ब्रिटिश पीरियड के सिस्टम से करना चाहिए, जिसमें मैन टू मैन कर्ज माफ किये जाते थे.
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