पटना : सरकार राज्य को औद्योगिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. खाद्य प्रसंस्करण प्रक्षेत्र के माध्यम से राज्य के औद्योगिकीकरण को नयी गति दी जा सकती है
क्योंकि बहुत से कृषि तथा वानिकी उत्पादों से बिहार की पहचान देश में है. ये बातें उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह ने गुरुवार को बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि हमारे यहां अच्छे किस्म का मक्का पैदा होता है.
धान एवं गेहूं के उत्पादन में हमारी स्थिति काफी अच्छी है. सब्जी के उत्पादन में बिहार का स्थान देश में तीसरा है. सरकार खाद्य प्रसंस्करण प्रक्षेत्र को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को उच्च प्राथमिकता वाले प्रक्षेत्र के रूप में चिह्नित करते हुए समान उद्योगों की अपेक्षा विशेष प्रोत्साहन सुविधा देने की घोषणा की है.
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के संयुक्त सचिव मिनहाज आलम ने कहा कि राज्यों में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय को राज्य सरकार के साथ करार कर कार्य करना है. मंत्रालय ने अभी ऑपरेशन ग्रीन नामक योजना का निर्धारण किया है.
जिसमें विशेष रूप से टमाटर, प्याज एवं आलू उत्पादक क्षेत्रों में आधारभूत संरचना स्थापित करना तथा स्टोरेज एवं कोल्ड चेन की समुचित व्यवस्था करना तथा इन उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए प्रसंस्करण इकाइयों के साथ तालमेल स्थापित करने की दिशा में कार्य करना है.
हाइटेक टेस्टिंग लैब की स्थापना करने का निर्णय : उद्योग विभाग के अपर सचिव प्रदीप कुमार ने कहा कि शहद के उत्पादन में बिहार का प्रथम स्थान है लेकिन जांच की सुविधा नहीं रहने के कारण हमारे यहां शहद आधारित उद्योग की अच्छी इकाइयां नहीं बन पा रही थीं.
उद्योग विभाग ने राज्य में हाइटेक टेस्टिंग लैब की स्थापना करने का निर्णय लिया है जिसके लिए 2 करोड़ का फंड आवंटित हो गया है. इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी, उद्योग विभाग के उपनिदेशक विपेंद्र नारायण ठाकुर, बिहार प्रोविंशियल कोल्ड स्टोरेज ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस एन अशरफ, सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार, केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र फुलवारी शरीफ के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ शंभू कुमार, सत्यजीत कुमार सिंह, आदि मौजूद थे.