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पुलिस ने ही पकड़ी पुलिस की गड़बड़ी : एक काम के लिए तीन एजेंसियों को 66 लाख का दोबारा भुगतान
प्रकाश पर्व -2017 . पुलिस ने ही पकड़ी पुलिस की गड़बड़ी पटना : दिसंबर, 2017 में पटना में हुए प्रकाश पर्व के दौरान पटना पुलिस में करीब 66 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आयी है. एसएसपी ऑफिस की लेखा शाखा के कर्मियों ने प्रकाश पर्व में काम करने वाली तीन एजेंसियों-मेसर्स सिमोन्स इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट […]
प्रकाश पर्व -2017 . पुलिस ने ही पकड़ी पुलिस की गड़बड़ी
पटना : दिसंबर, 2017 में पटना में हुए प्रकाश पर्व के दौरान पटना पुलिस में करीब 66 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आयी है. एसएसपी ऑफिस की लेखा शाखा के कर्मियों ने प्रकाश पर्व में काम करने वाली तीन एजेंसियों-मेसर्स सिमोन्स इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स शंभु आर्ट्स व ड्रीम प्लस मल्टी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को एक ही काम के लिए दोबारा करीब Rs 66 लाख के विपत्र की निकासी कर दी, जबकि पूर्व में ही राशि का भुगतान कर दिया गया था. इस मामले में जोनल आइजी नैयर हसनैन के निर्देश पर डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने लेखा शाखा के तत्कालीन लेखापाल गुंजन विशाल, हेड क्लर्क इंद्रभूषण तिवारी व मुख्य लेखापाल सुरेश सिंह को निलंबित कर दिया.
साथ ही लेखा शाखा में कार्यरत छह अन्य साक्षर कांस्टेबलों को निलंबित कर उनकी भूमिका की जांच करने का निर्देश डीआइजी राजेश कुमार ने एसएसपी गरिमा मलिक को दिया है. डीआइजी राजेश कुमार ने एसएसपी को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर से निर्णय लेकर प्राथमिकी के संबंध में भी कार्रवाई करें.
डीआइजी के इस निर्देश के बाद छह साक्षर कांस्टेबलों का निलंबित होना तय है. साथ ही इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की जा सकती है. एसएसपी गरिमा मलिक ने साक्षर कांस्टेबलों के संबंध में बताया कि पत्र मिला है, पहचान कर उन सभी को निलंबित कर दिया जायेगा.
एसएसपी ऑफिस की लेखा शाखा के तीन कर्मी निलंबित
पटना के तत्कालीन ग्रामीण एसपी ललन मोहन प्रसाद व एएसपी राकेश कुमार दुबे से मांगा गया स्पष्टीकरण
इस मामले में पटना के तत्कालीन के ग्रामीण एसपी ललन मोहन प्रसाद व एएसपी राकेश दुबे से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उन्हें एक सप्ताह में जवाब देने कहा गया है.
साथ ही डीआइजी ने तीनों एजेंसियों को ब्लैकलिस्टेड करने की अनुशंसा कर दी है. ललन मोहन प्रसाद फिलहाल चंपारण रेंज के डीआइजी हैं. ललन मोहन प्रसाद से यह पूछा गया है कि जब उन्हें पांच हजार रुपये तक की ही खरीदारी के आदेश के लिए अधिकृत किया गया था तो किस परिस्थिति में उससे अधिक की राशि की खरीदारी का आदेश दिया गया.
एसएसपी के पत्र पर आइजी ने दिया था जांच का आदेश
तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने 20 दिसंबर, 2018 को एक पत्र के माध्यम से लेखा शाखा पर सरकारी राशि की निकासी में गंभीर रूप से अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था. जोनल आइजी ने 16 जनवरी, 2019 को मामले की जांच कराने का निर्देश दिया था.
जांच में पता चला कि वर्ष 2018-19 में मेसर्स सिमान्स इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 24 लाख 18 हजार 528 रुपये के विपत्र व मेसर्स शंभु आर्टस को 21 लाख पांच हजार 162 रुपये के विपत्र की पुन: निकासी जून माह में की गयी है. लेकिन उक्त विपत्र के साथ मूल वाउचर नहीं था, जबकि वर्ष 2017-18 में उक्त दोनों राशि की निकासी फरवरी 2018 में कर गयी थी. इसी प्रकार ड्रीम प्लस मल्टी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड को भी 20 लाख 55 हजार 787 रुपये की दोबारा निकासी की गयी. इसके बाद अनियमितता करने में शामिल पाते हुए डीआइजी ने बुधवार को लेखा शाखा के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया.
अवैध रूप से राशि की निकासी की गयी है. तीन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. पटना के तत्कालीन ग्रामीण एसपी व एएसपी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. तीनों एजेंसियों को ब्लैकलिस्टेड करने की अनुशंसा की गयी है. मामले में सभी पर विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी. साक्षर कांस्टेबलों को निलंबित कर उनकी भूमिका की जांच व प्राथमिकी के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश एसएसपी को दिया गया है.
-राजेश कुमार, डीआइजी
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