18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के हर जिले में गठित हों विशेष अदालतें : सुप्रीम कोर्ट

सांसद-विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों पर सख्ती नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वर्तमान व पूर्व सांसदों व विधायकों (जनप्रतिनिधियों)के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों की तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए बिहार व केरल के हर जिले में विशेष अदालतें गठित करने का आदेश […]

सांसद-विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों पर सख्ती
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को वर्तमान व पूर्व सांसदों व विधायकों (जनप्रतिनिधियों)के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों की तेजी से सुनवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
ऐसे मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए बिहार व केरल के हर जिले में विशेष अदालतें गठित करने का आदेश दिया. पटना और केरल हाईकोर्ट से इस संबंध में 14 दिसंबर तक अनुपालना रिपोर्ट सौंपने को भी कहा है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ की खंडपीठ भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही. स्पष्ट किया कि उसके ताजा निर्देश बिहार और केरल के जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता वाले मुकदमों पर ही लागू होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इन विशेष अदालतों में मुकदमों की सुनवाई का क्रम भी निर्धारित किया और कहा कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित ऐसे दंडनीय अपराधों के मामलों की सुनवाई पहले हो, जिनमें उम्र कैद या मौत की सजा का प्रावधान है.
व्यवस्था दी कि सांसदों व विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए दोनों राज्यों के जिलों में जरूरत के अनुसार विशेष अदालतों का गठन किया जा सकता है. दरअसल, कोर्ट को सूचित किया गया कि वर्तमान और पूर्व सांसदों/विधायकों के खिलाफ देश में 4122 आपराधिक मुकदमे लंबित हैं. इनमें से कुछ मुकदमे तो तीस साल से भी अधिक पुराने हैं. केरल में करीब 312 और बिहार में 304 मामले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें