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पटना : महंगी हो गयी जमीन की खरीद-बिक्री, ग्रामीण इलाकों में छह गुना तक अधिक लगेगा रजिस्ट्री शुल्क

पटना महानगर क्षेत्र : हेराफेरी कर रजिस्ट्री पर भी लगेगी रोक पटना : पटना महानगर क्षेत्र (प्लानिंग एरिया) में कृषि भूमि की श्रेणी खत्म कर आवासीय या व्यावसायिक श्रेणी में ही जमीन की रजिस्ट्री के आदेश का संबंधित ग्रामीण इलाकों में बड़ा असर पड़ेगा. इसकी वजह से इन क्षेत्रों में जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों […]

पटना महानगर क्षेत्र : हेराफेरी कर रजिस्ट्री पर भी लगेगी रोक

पटना : पटना महानगर क्षेत्र (प्लानिंग एरिया) में कृषि भूमि की श्रेणी खत्म कर आवासीय या व्यावसायिक श्रेणी में ही जमीन की रजिस्ट्री के आदेश का संबंधित ग्रामीण इलाकों में बड़ा असर पड़ेगा. इसकी वजह से इन क्षेत्रों में जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों को छह गुना तक अधिक स्टांप व रजिस्ट्री शुल्क अदा करना होगा. हालांकि इससे जमीन की प्रकृति में हेराफेरी कर रजिस्ट्री कराने वालों पर भी रोक लगेगी.

धनरूआ से मनेर का इलाका दायरे में : महानगर क्षेत्र में पटना जिले के धनरूआ से लेकर मनेर तक का इलाका दायरे में आते हैं. वर्ष 2031 के पटना महानगर को ध्यान में रखते हुए इन इलाकों के विकास को लेकर रणनीति तैयार की जानी है.

लेकिन, वर्तमान में इस दायरे में अब भी बड़े भू-भाग पर खेती होती है. मास्टर प्लान की अधिसूचना के मुताबिक सरकार ऐसे क्षेत्रों को शहरी कृषि क्षेत्र माना गया है. ऐसे क्षेत्र के लोगों को ही जमीन की रजिस्ट्री में अधिक खर्च करना होगा.

आवासीय भूमि को तीन भाग में बांट कर रजिस्ट्री शुल्क वसूलने पर विचार करे सरकार

पटना : पटना महानगर क्षेत्र (प्लानिंग एरिया) में कृषि भूमि की श्रेणी खत्म कर सिर्फ आवासीय या व्यावसायिक श्रेणी में ही जमीन रजिस्ट्री के निर्णय पर पुनर्विचार की मांग उठने लगी है. पटना समाहरणालय अधिवक्ता संघ से जुड़े अधिवक्ता डॉ अनिल कुमार सिन्हा उद्योगी ने इस संबंध में मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के प्रधान सचिव को चिट्ठी लिखी है.

डॉ सिन्हा ने कहा कि जिला अवर निबंधक पटना ने बिना न्यूनतम मूल्यांकन की मार्गदर्शी पंजी में संशोधन किये बगैर ही मास्टर प्लान में दर्शाये गये कम से कम आवासीय दर पर भूमि का न्यूनतम मूल्य निर्धारित कर निबंधन करने का आदेश दिया है. ऐसी स्थिति में एक फसला भूमि वाले किसानों को काफी परेशानी होगी. इसको देखते हुए सरकार तत्काल जिला अवर निबंधक के आदेश को निरस्त कर आवासीय भूमि की तीन श्रेणियां आवासीय (पूर्ण आवासीय), आवासीय एक (विकासशील) व आवासीय दो (कृषि भूमि) रूप से कोटिबद्ध संशोधन के बाद ही रजिस्ट्री शुल्क वसूली सुनिश्चित करे.

खास इलाकों में जमीन की बाजार दर बढ़ी

वर्तमान पटना शहर के विस्तार को देखते हुए इसके आस पास के इलाकों में भी जमीन की बाजार दर बढ़ी है. खास कर खगौल, दानापुर, बिहटा, बिक्रम आदि इलाके के ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन की बाजार दर आसमान छू रही है. उसके अनुपात में पूर्वी छोर खुशरूपुर, दनियावां इलाके में जमीन की बाजार दर उतनी नहीं बढ़ी है. ऐसे में इन क्षेत्रों के ग्रामीण परिधि में आने वाली जमीन की खरीद-बिक्री में लोगों की परेशानी बढ़ सकती है.

महंगी हो गयी जमीन की खरीद-बिक्री

इलाका अब रजिस्ट्री दर पहले दर

पुनपुन अंचल

चकपिपरा 57,600 18,200

बाजितपुर 64,000 24,500

पैमार घाट 57,600 21,000

डुमरी 1,76,000 54,500

पोठही 1,20000 31,500

पटना सिटी अंचल

वारिसपुर 60,000 17,500

नियाजीपुर 60,000 10,500

सूपनचक 60,000 14,000

तुर्कडीहा 48,000 10,500

नौबतपुर अंचल

श्रीवर 2,04000 77,000

छोटकी टेंगरेला 3,00000 1,00000

बड़की टेंगरेला 2,36,000 80,000

मितनचक 68,000 28,000

सरारी 1,02,400 42,000

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