इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने किया है एक विशेष अध्ययन, इनमें बच्चियों की संख्या अधिक है
आनंद तिवारी
पटना : नाश्ते का महत्व किसी से छिपा नहीं है. नाश्ते का पौष्टिक हाेना सबसे अहम होता है. हालांकि स्कूली बच्चों के टिफिन में नाश्ता तो खूब होता है लेकिन उसमें पौष्टिक तत्व हैं या नहीं, इसका ख्याल कम रखा जाता है. इसका असर बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. इससे बच्चे पढ़ाई के दबाव और स्कूल की गतिविधियों में धीरे-धीरे पिछड़ने लगते हैं. इसका खुलासा इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने एक विशेष अध्ययन में किया है. स्कूली बच्चों पर किये गये इस शोध में पता चला है कि करीब 57 प्रतिशत बच्चे इसलिए बीमार रहते हैं क्योंकि उनके नाश्ते में पौष्टिक आहार गायब रहते हैं.
इनमें बच्चियों की संख्या अधिक है.
नूडल्स नहीं है पौष्टिक आहार
आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने बताया कि इन दिनों अधिकांश ऐसे परिजन बच्चों को लंच बॉक्स में पौष्टिक खाना नहीं देते हैं. लंच बॉक्स में पास्ता, मैगी, ब्रेड, समोसा आदि दिया जा रहा है. ये पौष्टिक आहार नहीं हैं. वहीं जिन बच्चों के परिजन पौष्टिक आहार देते हैं, उनके बच्चे हमेशा स्वस्थ रहते हैं. सुबह नाश्ते में हेल्दी डायट नहीं होने का नतीजा है.
रात के खाने के बाद होता है लंबा अंतराल
डॉक्टरों ने बताया कि पटना जिले के अलग-अलग स्कूलों के 300 बच्चों को चुना गया. इसमें उनकी दिनचर्या, आहार, आदि जांच की गयी. साथ ही स्वास्थ्य संबंधित जानकारियां एकत्रित की गयीं. रात के भोजन के बाद से सुबह के नाश्ते तक लंबा अंतराल होता है. शरीर में प्रोटीन कम होने लगता है. बैलेंस बनाये रखने को नाश्ता बेहद जरूरी है. डॉक्टरों की मानें, तो लंबे अंतराल के बाद अगर शरीर में पौष्टिक आहार नहीं गया, तो कई तरह के रोग पैदा हो जाते हैं. आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों के लंच में पौष्टिक आहार नहीं देने व उनके स्वास्थ्य को लेकर अभियान चलाया जायेगा.
नाश्ते में ये पौष्टिक आहार शामिल करें
लंच बॉक्स में गेहूं की रोटी, मक्का, बींस, हरी सब्जी, राजमा या सोयाबीन आदि बनाकर दें
लंच बॉक्स में फल जैसे पपीता, संतरा, नाशपाती, पालक, मूली एवं हरी सब्जियां भी शामिल कर सकते हैं
दलिया, खिचड़ी, बादाम, छुआरे व किशमिश भी दे सकते हैं
दूध व डेयरी उत्पादों को नाश्ते में शामिल करें
फलों के रस के साथ दिन की शुरुआत कराएं