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पटना : ऑनलाइन तैयार होगा आगामी बजट राजस्व घाटा शून्य करने पर फोकस
नये बजट को तैयार करने की कवायद हुई शुरू, सभी विभागों से मांगा गया प्रस्ताव पटना : राज्य सरकार के वित्त विभाग ने आगामी वित्तीय वर्ष 2019-20 में नया बजट तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है. नये बजट में कई महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखा जा रहा है. इस बार पहली बार ऑनलाइन […]
नये बजट को तैयार करने की कवायद हुई शुरू, सभी विभागों से मांगा गया प्रस्ताव
पटना : राज्य सरकार के वित्त विभाग ने आगामी वित्तीय वर्ष 2019-20 में नया बजट तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है. नये बजट में कई महत्वपूर्ण बातों का ख्याल रखा जा रहा है. इस बार पहली बार ऑनलाइन बजट तैयार हो रहा है. यानी सभी विभागों से आगामी बजट के लिए अनुमानित खर्च और नये प्रस्ताव समेत अन्य सभी तथ्यों को ऑनलाइन ही भेजने के लिए कहा गया है.
वित्तीय प्रबंधन के लिए तैयार किये गये नये सॉफ्टवेयर सीएफएमएस (कॉम्प्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) का प्रयोग करने के लिए कहा गया है. इसके जरिये ही सभी विभाग अपना-अपना प्रस्ताव भेजेंगे. नये बजट में राज्य के वित्तीय सेहत पर खासतौर से ध्यान रखा जा रहा है.
इसके अंतर्गत राजस्व घाटा को शून्य और राजकोषीय घाटा को राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के तीन प्रतिशत के अंदर रखने पर खासतौर से फोकस किया जायेगा. वित्त विभाग ने नये बजट को तैयार करने से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश सभी विभागों को जारी कर दिया है. इन्हें ऑनलाइन अपना बजट प्राक्कलन भेजने के लिए कहा गया है. नये बजट में योजनाओं के प्रारूप और कर्मचारियों की संख्या समेत अन्य महत्वपूर्ण मसलों पर गहन विचार किया जा रहा है.
नये वित्तीय वर्ष में गैर-प्रभावी योजनाएं होंगी बंद
वित्त विभाग ने सभी विभागों को अपना बजट प्रारूप तैयार करने के अलावा उनके यहां चल रही गैर-प्रभावी योजनाओं की भी समीक्षा करने के लिए कहा है. जो योजनाएं ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हो रही या नहीं चल रही हैं, उन्हें बंद कर दिया जायेगा या योजनाओं को आपस में समाहित करके इनकी संख्या को कम कर दिया जायेगा. सभी विभाग को कहा गया है कि वे अपनी सभी योजनाओं की गहन समीक्षा कर इनकी वास्तविकता देखें, इसके बाद ही इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करके भेजें. जिन योजनाओं को बंद करना है, उनकी सूची अलग से भेजें. राज्य में चलने वाली योजनाओं की संख्या 90 के आसपास हैं. इसमें कई योजनाएं बहुत प्रभावी नहीं हैं या कागज पर ही चल रही हैं. इन्हें बंद करने की तैयारी की जा रही है.
संख्या का भी करें आकलन
राज्य में चलने वाली योजनाओं में योजनावार कर्मचारियों की संख्या का भी आकलन करने के लिए विभागों को कहा गया है. जिनमें स्कीम में कर्मचारियों की संख्या जरूरत से ज्यादा है, उन्हें कम किया जायेगा या उन्हें दूसरी योजनाओं में शिफ्ट किया जायेगा. नये बजट में इसका प्रबंधन भी दिखेगा.
इन बातों का भी रखें ध्यान
इस बार के बजट में भी राशि का विभाजन योजना और गैर-योजना मद में नहीं रहेगा.
– विभाग उतने रुपये का प्रारूप भेजे, जितने रुपये खर्च करने का सही अनुमान है. बजट की राशि बची नहीं रह पाये.
– स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय में कर्मचारियों की सही संख्या के आधार पर ही वेतन और पेंशन का आकलन करें.
– विभागों को जेंडर बजट भी भेजना है, जिन विभागों में महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं चलती हैं.
– बाल कल्याण से जुड़ी योजनाएं अगर किसी विभाग में हैं, तो उन्हें अलग से इसका प्रारूप भेजना है.
– केंद्रीय प्रायोजित स्कीम, राज्य स्कीम और केंद्रीय क्षेत्र स्कीम की जानकारी भी अलग से देनी है.
– अगर कोई विभाग नयी योजना शुरू करना चाहते हैं, तो उसकी विस्तृत जानकारी देनी होगी.
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