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रोजी-रोटी छिनने का दर्द लेकर घर लौटे बिहार के लोग

गुजरात में जानलेवा हमले के बाद अल्टीमेटम के खौफ से राज्य छोड़ वापस आ रहे बिहारी पटना : गुजरात में वर्षों से रह रहे बिहार, बंगाल व उत्तर प्रदेश के लोगों पर जानलेवा हमले किये जा रहे हैं. हमले की आग गुजरात के मेहसाणा जिले से भड़की और धीरे-धीरे गुजरात के कलोल, गांधी नगर और […]

गुजरात में जानलेवा हमले के बाद अल्टीमेटम के खौफ से राज्य छोड़ वापस आ रहे बिहारी
पटना : गुजरात में वर्षों से रह रहे बिहार, बंगाल व उत्तर प्रदेश के लोगों पर जानलेवा हमले किये जा रहे हैं. हमले की आग गुजरात के मेहसाणा जिले से भड़की और धीरे-धीरे गुजरात के कलोल, गांधी नगर और आसपास के शहरों में फैल गयी है. ये वैसे इलाके हैं, जहां बिहार और पूर्वांचल के लोग काफी तादाद में काम करते हैं. एक घटना के बाद पिछले चार-छह दिनों में बिहार के लोगों के घरों और उनके कार्य स्थलों पर हमले होने लगे. राह चलते पीटा जाने लगा. भाषा और रहन-सहन से पहचान कर किये हमलों में न केवल गाली गलौज बल्कि लूटपाट भी शुरू कर दी गयी.
मारपीट के दौरान किसी से 10 हजार तो किसी से 20 हजार रुपये छीन लिये. हद तो तब हो गयी, जब वहां के विशेष ग्रुप ने गैर गुजरातियों को धमकी दी कि वे लोग आठ अक्तूबर तक गुजरात छोड़ दें, अन्यथा जान से मार देंगे. कुछ इसी आशय की पीड़ा या दर्द को सोमवार को पटना जंक्शन पर गुजरात से आने वाली ट्रेन से उतरे सैकड़ों मजदूरों ने प्रभात खबर से साझा किया. ट्रेन संख्या 15667 गांधीधाम-कामख्या एक्सप्रेस सोमवार की दोपहर 1:40 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या-एक पर पहुंची, तो ट्रेन के जनरल डिब्बे से सैकड़ों की संख्या में बिहारी कामगार उतरे.
गुजरात से पटना जंक्शन पहुंचे बिहारी कामगार सीवान, छपरा, जय नगर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा आदि जिलों के रहने वाले थे, जिन्होंने अपना दर्द साझा किया. रोजी-रोटी छिन जाने से कुछ रुआंसे दिखे तो कुछ उदास थे. जैसे-तैसे जान बचा कर घर लौटने को मजबूर ये लोग जनरल डिब्बे में आये. 36 घंटे से अधिक समय की यात्रा जनरल डिब्बे में करना किसी मुसीबत से कम नहीं था. क्योंकि उन्हें आनन फानन में आरक्षित टिकटभी नहीं मिला.
क्या कहते हैं गुजरात से लौटे बिहारी कामगार
पिछले 10 वर्षों से मेहसाणा जिले के गांव में रहते थे. दो दिन पहले युवाओं ने रास्ता घेर लिया बिहार का बताने पर मारने-पीटने लगा.
शंभु, छपरा
शुक्रवार को अचानक आठ-दस लोग घर पर पहुंच गये और घर के सामान बाहर फेंकने लगे. विरोध करने पर मारपीट की गयी.
रिंकू देवी, मुजफ्फरपुर
वहां कानून व्यवस्था से जुड़ी परेशानियां थी. पीटने की घटना ज्यादा होने लगी. कुछ लोगों से मारपीट के बाद छीना झपटी भी होने लगी थी.
पंकज, छपरा
गुजरात के मेहसाणा की कपड़ा फैक्टरी में काम करता हूं. अचानक गैर गुजरातियों पर हमले तेज हो गये. मेरे साथ के कोई लोगों को मारा-पीटा गया. मैं हमलावर का शिकार नहीं बना. लेकिन, डर से गुजरात छोड़ घर लौट आया हूं. अब हम गुजरात नहीं जायेंगे.
इंद्रदीप, छपरा
मुजफ्फरपुर जिले का रहने वाला हूं. वर्षों से गुजरात के मेहसाणा में परिवार के साथ रह रहा था. वहां की कपड़ा फैक्टरी में काम कर परिवार का भरण-पोषण कर रहा था. अचानक माहौल बिगड़ा और मारपीट की जाने लगी. उपद्रवी झुंड में आकर मारपीट कर रहे हैं. एक-दो लोगों के कुसूर के लिए क्षेत्र विशेष के सभी लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. यह गलत है. गुजरात छोड़ आया हूं. अब रोजी रोटी का संकट है.
राजेश कुमार, मुजफ्फरपुर
गुजरात के बचाव में वर्षों से परिवार के साथ रह कर मजदूरी कर रहा था. रोजी-रोटी की तलाश में गुजरात पहुंचा. लेकिन, हाल के दिनों में माहौल बिगड़ गया. इस दौरान गैर गुजरातियों के साथ मारपीट की घटना घटने लगी. मारपीट की घटना से डर कर हम लोग अपने बिहार लौट आये हैं.
नागेश्वर सिंह, दरभंगा
अहमदाबाद की कपड़ा फैक्टरी में वर्षों से काम कर रहा था. तीन दिन पहले 10-12 युवा फैक्टरी में पहुंच गये, बिना कुछ पूछताछ किये मारपीट करने लगे. मैं एक कोने में छिप गया. लेकिन, मेरे साथ के चार-पांच मजदूरों को काफी पीटा गया. ऐसे माहौल में वहां रहना मुश्किल था. लिहाजा हम लौट आये.
जयराम, छपरा
अहमदाबाद की हालात काफी खराब है. वहां से हम लोग भागे हैं. किसी तरह से ट्रेन पकड़ कर घर लौट रहा हूं. बिना पैसे के घर आना पड़ा. वहां पर लोग मारपीट करने के साथ पैसा भी छीनने लगे थे.
आसिफ, कटिहार
गुजरात के जामनगर में रह कर रिफाइनरी में मजदूरी कर रहा था. जामनगर में गैर गुजरातियों पर हमले नहीं किये जा रहे थे. लेकिन, गुजरात में भड़की हिंसा को देखते हुए घर लौट आया हूं. हालांकि, अब गुजरात जाऊंगा या नहीं, इस पर विचार करूंगा.
शेख हशीम, जय नगर
गांधी नगर की कपड़ा फैक्टरी में काम करता हूं. एक दिन फैक्टरी के गेट पर मेरे साथ धक्का-मुक्की की गयी. दूसरे दिन दो साथियों के साथ मारपीट की गयी
विनोद, सीवान
अहमदाबाद के पास रह रही हूं, वहीं, एक कंपनी में मेरे पति मजदूरी के काम करते हैं. लेकिन, गुजरात के दूसरे हिस्से में मारपीट की घटना सुन कर डर लगने लगा.
पंचमी देवी, बाढ़
गुजरात में माहौल सही नहीं था. मैं वापी शहर में काम करता था. वहां उपद्रवी परेशान करने लगे थे. इस कारण अभी तत्काल घर लौट आया हूं.
राकेश, जहानाबाद
गांधीनगर में काम करता हूं. वहां शहरी क्षेत्रों में लोग शक की निगाह से देखने लगे थे. डर था हमला न कर दे. खास कर बिहार, यूपी और बंगाल के लोग भी पीड़ित हैं.
सुनील राय, छपरा
होगी हिफाजत
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि गुजरात में एसआरपी की 17 कंपनियों की तैनाती और 342 उपद्रवियों की गिरफ्तारी के साथ राज्य के गृहमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने बिहार-यूपी के प्रवासी मजदूरों की हिफाजत का भरोसा दिलाया है. कांग्रेस के नेता लगातार बयानबाजी कर मजदूरों की मुसीबत बढ़ा रहे हैं.
राहुल गांधी बताएं कि ठाकोर सेना के नेता और बिहार में कांग्रेस के प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. कांग्रेस की नीतियों के चलते बिहार पिछड़ा रह गया.
हो रही गुंडागर्दी
गुजरात में उत्तर भारतीयों की पिटाई मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी समेत आरएसएस को निशाना बनाया है. ट्विटर पर तेजस्वी ने लिखा कि नरेंद्र मोदी-अमित शाह जैसे गुजरातियों की मदद से भाजपाई गुजराती विदेश भागे नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, नितिन संदेसरा, कोठारी जैसे गुजराती ठगों द्वारा लूटा हुआ लाखों करोड़ रुपये मेहनतशील बिहारियों से मारपीट कर वसूलना चाहते हैं.
भाइयों, बापू और सरदार पटेल की तो शर्म कर लेते. तेजस्वी ने आगे लिखा कि लंपट भाजपाई बिहार और यूपी के लोगों के साथ गुंडागर्दी कर उन्हें गुजरात से भगा रहे हैं.
बेवजह बने निशाना
गुजरात में यौन उत्पीड़न और हिंसा वहां की सरकार की विफलता है. इसमें बेवजह बिहार और हिन्दी भाषी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. यदि वहां बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न हुआ है तो दोषी पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसकी आड़ में किसी क्षेत्र विशेष के लोगों के खिलाफ साजिश नहीं होनी चाहिए.
ये बातें सोमवार को अ भा कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा और अभियान समिति के चेयरमैन डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहीं. वे संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
गुजरात के श्रम विभाग के संपर्क में है सरकार: पटना. राज्य का श्रम संसाधन विभाग गुजरात के श्रम विभाग के संपर्क में है. श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि वे लोग गुजरात सरकार के श्रम विभाग के अधिकारियों के संपर्क में हैं. हमलोग स्थिति पर नजर रके हुए हैं. बिहार के कामगारों को जो भी सुविधा चाहिए वो मिलेगी.
गुजरात में बिहारियों पर हमले के विरोध में लोजद ने गुजरात के सीएम का किया पुतला दहन
पटना : गुजरात में बिहारियों पर हो रहे हमले की घटना के विरोध में सोमवार को लोकतांत्रिक जनता दल के नेताओं ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का पुतला दहन किया. इस दौरान लोजद नेताओं ने कहा कि गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में 14 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के बाद राज्य में गैर गुजरातियों पर हमले तेज हो गए हैं.
भीड़ द्वारा बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. यह सब प्रधानमंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री के सीधे संरक्षण में हो रहा है. मुख्यमंत्री हमला करने वाले अपराधियों के विरुद्ध करवाई करने के बदले उन्हें बचाने में लगे हुए हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

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