पटना : पटना एयरपोर्ट का विंटर शेडयूल जल्द जारी होगा. 24 नवंबर से 24 मार्च तक के लिए जारी इस शेडयूल में विमानों की संख्या कमोबेश 43 जोड़ी के आसपास ही रहेगी क्योंकि कुछ फ्लाइट को बंद किया जायेगा तो कुछ नये फ्लाइटों की शुरूआत भी की जायेगी. लेकिन खराब मौसम और बढ़ते धुंध की आशंका के मद्देनजर एक दिसंबर, 2018 से 10 फरवरी, 2019 तक 11 फ्लाइटों को स्थगित रखने की संभावना है. इसमें इंडिगो के छह, स्पाइस जेट की तीन व गो एयर की दो फ्लाइट होंगे. 10 फ्लाइटों के उड़ने और उतरने के समय में बदलाव की भी आशंका है.
एप्रोच लाइट बढ़ने से घटेगी रद्द होने वाले विमानों की संख्या
पटना एयरपोर्ट पर वर्तमान में केवल 210 मीटर एप्रोच लाइट इस्तेमाल किया जा रहा है. नवंबर अंत तक जू और पीर अली पथ में लगे 210 मीटर एप्रोच लाइट को और चालू कर दिया जायेगा. पिछले एक वर्ष से ये एप्रोच लाइट लगी हैं लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण इनको इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इनका इस्तेमाल शुरू होने के बाद पटना एयरपोर्ट पर धुंध और कुहासे की स्थिति में विमानों के उतरने में और भी सुविधा होगी और 1000 मीटर की दृश्यता में भी विमान उतर सकेंगे. विदित हो कि अभी 1200 मीटर से कम की दृश्यता में पटना एयरपोर्ट पर विमान नहीं उतर पाते हैं जबकि जाड़े में दोपहर एक दो बजे के बाद ही 1200 मीटर से ऊपर दृश्यता जाती है .
इसके कारण बड़ी संख्या में विमान विलंबित होते हैं जबकि कई को रद्द भी करना पड़ता है.
200 मीटर की दृश्यता सुधरने के बाद 11-12 बजे के बाद विमान उतर सकेंगे क्योंकि तब
तक दृश्यता 1000 मीटर के ऊपर पहुंच चुकी होती है. यदि एप्रोच लाइट का इस्तेमाल बढ़ाने का निर्णय नहीं हुआ होता तो इस वर्ष एक दिसंबर से रद्द होने वाले विमानों की संख्या औरभी अधिक होती.
टिकट कटाने से पहले रहें सतर्क
टिकट कटाने से पहले यात्रियों को सतर्क रहना चाहिए. विमान कंपनियां जिनके फ्लाइट रद्द होने की आशंका है, वे भी अभी अपनी बुकिंग चालू रखे हुए हैं. विमान रद्द होने की स्थिति में वे अपने दूसरे फ्लाइट में यात्रियों को एकोमोडेट कर देती है इसलिए विमान कंपनियों को इससे फायदा ही होता है.
लेकिन यात्रियों को कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. दूसरे फ्लाइट में एकोमोडेशन की स्थिति में उनके विमान का टाइम टेबल बदल जाता है, जिससे परेशानी होती है. कई बार दो तीन दिन बाद का टिकट रीशिडयूल किया जाता है, जिससे यात्री का पूरा शेडयूल गड़बड़ा जाता है. विमान के रद्द होने और रीशिडयूल नहीं किये जाने पर उन्हें कई गुना अधिक कीमत खर्च कर नया टिकट लेना पड़ता है या फिर यात्रा रद्द करनी होती है.