पटना : नगर निगम में वार्डों के अनुरूप फॉगिंग मशीन नहीं है. मशीन के अभाव में रोजाना वार्डों में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव नहीं किया जा रहा है.
स्थिति यह है कि एक वार्ड में पांच से सात दिनों के बाद ही दुबारा मच्छर मारने की दवा का छिड़काव हो पा रहा है. इससे मच्छरों का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं, वार्डों में एंटी लार्वा का भी छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है. इससे नगर निगम के वार्ड संख्या 33, 55, 47, 46, 56 आदि इलाकों में डेंगू का प्रकोप ज्यादा बढ़ गया है.
रोटेशन के आधार पर की जा रही फॉगिंग : नूतन राजधानी अंचल
क्षेत्र में वार्डों की संख्या 32 है और कार्यरत फॉगिंग मशीन की संख्या सिर्फ दो. स्थिति यह है कि एक मशीन से रोजाना सुबह-शाम दो वार्डों में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कराया जा रहा है. दो मशीन से एक दिन में चार वार्ड आधा-अधूरा कवर
किया जा रहा है. एक वार्ड में आठवें दिन दूसरी बार मच्छर
मारने की दवा का छिड़काव किया जा रहा है. यह स्थिति सिर्फ नूतन राजधानी अंचल की नहीं है, बल्कि चारों अंचलों का यही हाल है.
बांकीपुर में दवा का नहीं हो रहा है छिड़काव
बांकीपुर अंचल में भी डेंगू मरीज मिल रहे है. लेकिन, अंचल क्षेत्र में नियमित मच्छर मारने की दवा और एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं किया जा रहा है. वार्ड संख्या 42, 47 व 48 में एक-एक दिन एंटी लार्वा का छिड़काव किया गया. वहीं, कंकड़बाग अंचल क्षेत्र में रविवार को डेंगू प्रभावित इलाका भागवत नगर, चाणक्या नगर और आसपास के इलाकों में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव किया गया. लेकिन, एंटी लार्वा का छिड़काव नहीं किया गया.