पटना: कुलपति प्रो वाइसी सिम्हाद्री के आदेश के विरोध में पीयू में छात्रों का प्रदर्शन सातवें दिन भी जारी रहा. प्रदर्शन करीब तीन घंटे तक चला. प्रदर्शनकारी छात्रों ने पीयू के साथ सभी कॉलेज व विभागों को बंद करवाया और तोड़-फोड़ भी की. गत सप्ताह कुलपति ने कहा था कि 2007 से 2014 तक जिन छात्रों पर एफआइआर हुई है. उन पर कार्रवाई के साथ उन्हें पीयू के अधिकार से वंचित रखा जायेगा.
छात्रों ने कुलपति पर तानाशाही का आरोप लगाया है. आदेश में एफआइआर वाले स्टूडेंट्स के नामांकन, परीक्षाफल, डिग्री, स्कॉलरशिप व फेलोशिप रोकने का आदेश है. छात्रों ने कहा कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया जाता है, तो प्रदर्शन जारी रहेगा.
आंदोलन के लिए बाध्य कर रहे कुलपति : आंदोलनकारी स्टूडेंट्स का नेतृत्व करते हुए एआइएसएफ के राज्य सचिव सुशील कुमार,आइसा के राज्य सह सचिव मोख्तार, छात्र समागम के प्रदेश उपाध्यक्ष मनौव्वर आलम, छात्र राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष राज सिन्हा, एआइबीएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष धीरज सिंह यादव, छात्र शोधार्थी संघ के बबलू सम्राट, छात्र रालोसपा के संजय कुशवाहा, छात्र लोजपा के रौशन साहू, छात्र युवा अधिकार मंच के गौतम आनंद, प्रभात कुमार व छात्र राकांपा के अमित सरावगी ने कहा कि पीयू कुलपति स्टूडेंट्स को आंदोलन के लिए बाध्य कर रहे हैं. कुलपति के तानाशाही फैसले के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. प्रदर्शन में अभिषेक आनंद, रणजीत पंडित, प्रिंस कुमार, राकेश, अफरोज, तारिक, राजा मल्लिक, अयान शाही, आजाद चांद, शिबुल सिंह, सन्नी कुमार, श्याम पटेल, जोहा सिद्दीकी, अक्षय, बिट्टू, राजकुमार, रवि यादव, विकास, हिमांशु, राज वर्मा, आलोक, इमरान, प्रशांत यादव, अरविंद, अमित, अमरेश व नवीन कुमार शामिल हुए.