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पटना : हर गांव में बैंकिंग कॉरेस्पांडेंट होंगे तैनात और खुलेंगी बैंक की शाखाएं
डिप्टी सीएम ने बैंकों को दिये निर्देश, कहा-जल्द पूरा करें लक्ष्य पटना : राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक में सूबे में कार्यरत बैंकों की कार्यप्रणाली और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गयी. इस दौरान डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने सभी बैंकों को निर्देश दिया कि राज्य के प्रत्येक […]
डिप्टी सीएम ने बैंकों को दिये निर्देश, कहा-जल्द पूरा करें लक्ष्य
पटना : राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक में सूबे में कार्यरत बैंकों की कार्यप्रणाली और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गयी. इस दौरान डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सुशील मोदी ने सभी बैंकों को निर्देश दिया कि राज्य के प्रत्येक गांव में बैंकिंग कॉरेस्पांडेंट बहाल करें या संभव हो तो कम-से-कम एक शाखा खोले. उन्होंने कहा कि जब सभी गांव तक बिजली, सड़क, पानी समेत सभी मूलभूत सुविधाएं पहुंचा दी गयी है, तो बैंक सुविधा क्यों नहीं पहुंचायी जा सकती है.
सूबे में 15 हजार 25 बीसी बहाल हो चुके हैं, लेकिन राज्य में गांवों की संख्या करीब 42 हजार है. इन सभी में एक-एक बीसी बहाल होने चाहिए. राज्य में 394 गांव ऐसे हैं, जो बैंक विहीन हैं. यानी यहां बैंक की कोई शाखा नहीं है. इसमें 260 गांव उग्रवाद प्रभावित चार जिलों में शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अगर इन जिलों में बैंक के स्तर से लोगों को लोन आसानी से दिया जाये, तो नक्सलवाद या उग्रवाद को कम करने में भी काफी मदद मिलेगी.
राज्य में 394 गांव ऐसे जहां बैंकों की कोई शाखा नहीं
ग्रामीण इलाकों में बढ़ाएं एटीएम की संख्या : राज्य के ग्रामीण इलाकों खासकर गन्ना, दलहन जैसे नगदी फसल वाले जिलों में एटीएम की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. यह देखा जाता है कि गन्ना उत्पादन वाले जिले में मौजूद बैंकों में जरूरत के मुताबिक पैसे नहीं रहते हैं. इससे किसानों को समय पर भुगतान नहीं हो पाता है.
डीएलसीसी और एसएलबीसी के आंकड़ों में अंतर : उपमुख्यमंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि वे अरवल, गोपालगंज, सासाराम, गया और बांका जिलों की डीएलसीसी की बैठक में शामिल होने गये थे. इस दौरान एसीपी से जुड़े जो आंकड़े पेश किये गये थे. उसमें और एसएलबीसी की बैठक में पेश किये गये आंकड़ों में काफी अंतर है.
जन-धन योजना में खोले गये 3.46 करोड़ खाते
राज्य में प्रधानमंत्री जन-धन योजना में तीन करोड़ 46 लाख बैंक खाते खोले गये हैं, जिसमें छह हजार 277 करोड़ रुपये जमा हैं. इन खाताधारकों को पांच हजार तक ओवर ड्रॉफ्ट या कर्ज लेने की सुविधा है. अब तक 24 लाख लोगों ने इसका लाभ लिया है.
वित्त मंत्री ने दिये ये खास निर्देश
वित्त मंत्री ने एसएलबीसी की बैठक के दौरान कई अहम निर्देश दिये, ताकि इस बैठक को ज्यादा तर्कसंगत और लाभकारी बनाया जा सके. उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में तमाम अहम मुद्दों को उप-समितियों में बांट कर इसकी समीक्षा की जाये.
इसमें उद्योग, कृषि, डेयरी एवं पशुपालन और आईटी संबंधित समस्याएं शामिल हैं. आईटी से जुड़ी समस्याओं में बीसी की बहाली, डीबीटी की स्थिति समेत अन्य शामिल हैं. सरकारी योजनाओं में अब सीधे लाभुक के खातों में पैसे ट्रांसफर होते हैं.
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