पटना : सूबे के कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए राज्य से बाहर नहीं जाना होगा. सरकार इसकी मुकम्मल व्यवस्था कर रही है. आईजीआईएमएस के बाद अब मुजफ्फरपुर में 200 करोड़ की लागत से कैंसर अस्पताल बनेगा. इससे राज्य खासकर उत्तर बिहार के 21 जिलों की करीब छह करोड़ की आबादी को लाभ होगा. अगस्त में इसका शिलान्यास होगा. पांडेय मंगलवार को कैंसर अस्पताल के लिए परमाणु ऊर्जा आयोग को नि:शुल्क 15 एकड़ जमीन हस्तांतरित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
अस्पताल का संचालन टाटा मेमोरियल सेंटर करेगा. मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में यह जमीन दी गयी है. राज्य स्वास्थ्य समिति में इस मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार भी मौजूद थे. पांडेय ने कहा कि राज्य में अब तक कैंसर के इलाज के लिए मरीजों को मुंबई या कहीं और जाना पड़ता था. इससे समय और पैसे काफी खर्च होते थे. अधिकतर मरीज मुंबई जाते हैं. सरकार ने अब व्यवस्था की है कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से मदद के लिए मरीज मुंबई में ही निवेश आयुक्त के यहां आवेदन दे सकते हैं. उनके आवेदन पर वहीं सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. इससे मरीजों को काफी सुविधा होगी. मुजफ्फरपुर का कैंसर अस्पताल सौ बेडों का होगा. तीन साल में यह बनकर तैयार हो जायेगा.
मुजफ्फरपुर में 200 करोड़ की लागत से बनेगा कैंसर अस्पताल
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने विस्तार से योजना की जानकारी दी और कैंसर के क्षेत्र में राज्य में हो रहे काम के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि राज्य में हर साल 1.60 लाख कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं. गंगा किनारे रहने वाले लोगों में गॉल ब्लाडर का कैंसर का केस सामने आ रहा है. राज्य में कैंसर निबंधन सिस्टम विकसित करने की योजना है.
इससे कैंसर की रोकथाम में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि बिहार सरकार टाटा ट्रस्ट के साथ मिलकर एसपीवी विकसित कर रही है. इसके तहत मेडिकल काॅलेज अस्पताल और जिला अस्पतालों में केमोथेरेपी सहित एल -2 व एल- 3 के इलाज की व्यवस्था होगी. आयुष्मान भारत योजना का लाभ राज्य को सितंबर से मिलने लगेगा.