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समाज और पर्यावरण के मुद्दों की अनदेखी
राष्ट्रीय जल मार्ग प्रोजेक्ट पर बोले विख्यात पर्यावरणविद श्रीपाद धर्माधिकारी नदियों के स्वरूप में छेड़छाड़ करना बेहद गलत होगा पटना : विख्यात पर्यावरणविद श्रीपाद धर्माधिकारी ने राष्ट्रीय जल मार्ग प्रोजेक्ट्स नीति को बेहद भ्रामक बताया है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जल मार्ग विकसित करने की कवायद बेहद सतही है. इसमें समाज और पर्यावरण से जुड़े […]
राष्ट्रीय जल मार्ग प्रोजेक्ट पर बोले विख्यात पर्यावरणविद श्रीपाद धर्माधिकारी
नदियों के स्वरूप में छेड़छाड़ करना बेहद गलत होगा
पटना : विख्यात पर्यावरणविद श्रीपाद धर्माधिकारी ने राष्ट्रीय जल मार्ग प्रोजेक्ट्स नीति को बेहद भ्रामक बताया है. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जल मार्ग विकसित करने की कवायद बेहद सतही है. इसमें समाज और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों की अनदेखी की जा रही है. गांधी संग्रहालय के सभागार में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने अंदेशा जताया कि इस समूची कवायद का फायदा बड़े व्यावसायिक घरानों को होगा, न कि आम लोगों को. दरअसल आम लोगों को पता भी नहीं है कि उनकी नदियों में उनके हित से जुड़ी ऐसी कोई खास योजना है.
धर्माधिकारी ने बताया कि नदियों के हिसाब से नावें या जहाज नहीं चलाये जा रहे हैं, बल्कि नदियों के स्वरूप में छेड़छाड़ करके मार्ग बनाने का प्रस्ताव है. यह बेहद खतरनाक होगा. उन्होंने साफ किया कि नदियों में लगातार पानी कम हो रहा है. नदियों में गाद बड़ी समस्या बन गयी है. ऐसे में नदियों के स्वरूप में छेड़छाड़ करना बेहद गलत होगा.
नदी के किनारे बसे लोगों को शामिल किया जाता तो बेहतर होता
धर्माधिकारी ने कहा कि उन्होंने गंडक एवं कोसी किनारे के कई
गांवों में जाकर पता लगाया है कि स्थानीय लोगों को पता ही नहीं है कि नदियों पर भी कोई प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है. गंगा में गाद और कोसी के कोर्स में हो रहे लगातार बदलाव का हवाला देते हुए कहा कि जहां पर जहाजों के ठहरने के लिए टर्मिनल प्रस्तावित हैं, कोसी नदी उससे काफी दूर हट गयी है. धर्माधिकारी ने दावा किया कि नदी में इतना बड़ा प्रोजेक्ट तय कर दिया गया, लेकिन पर्यावरण आदि की एनओसी तक नहीं ली गयी है.
गौरतलब है कि श्रीपाद धर्माधिकारी ने हाल ही में बिहार की नदियों का सर्वेक्षण किया है. इस सर्वेक्षण के केंद्र में जल मार्ग ही थे. धर्माधिकारी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में नदियों के किनारे बसे लोगों को भी शामिल किया जाता तो बेहतर होता. जानकारी हो कि बिहार की छह नदियों पर राष्ट्रीय जल मार्ग प्रस्तावित हैं. ये नदियां हैं गंगा,गंडक, कोसी, घाघरा, सोन, पुनपुन, कर्मनाशा. इनमें गंगा, गंडक और कोसी में जल मार्ग विकसित करने के लिए ब्लूप्रिंट प्राथमिकता के आधार पर बनाये जा रहे हैं.
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