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अनिबंधित चालू प्रोजेक्ट्स का प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से सर्वे करायेगा रेरा
पटना : सूबे में चल रहे सैकड़ों रियल इस्टेट प्रोजेक्ट्स के मुकाबले रजिस्ट्रेशन नहीं होने से चिंतित रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने अब प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से सर्वे कराने का निर्णय लिया है. सर्वे की मदद से अनिबंधित प्रोजेक्ट्स की पहचान कर उन पर भारी जुर्माना, संबंधित बिल्डर को काली सूची में डालने […]
पटना : सूबे में चल रहे सैकड़ों रियल इस्टेट प्रोजेक्ट्स के मुकाबले रजिस्ट्रेशन नहीं होने से चिंतित रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने अब प्रोफेशनल एजेंसी के माध्यम से सर्वे कराने का निर्णय लिया है.
सर्वे की मदद से अनिबंधित प्रोजेक्ट्स की पहचान कर उन पर भारी जुर्माना, संबंधित बिल्डर को काली सूची में डालने से लेकर एफआईआर तक की कार्रवाई की जा सकेगी. इसके लिए एजेंसी को नगर निकायों की मदद भी मिलेगी. रेरा प्रबंधन ने एजेंसी के चयन को लेकर 23 जुलाई तक आवेदन मांगे हैं.
रेरा को अब तक महज 525 प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन को लेकर ऑनलाइन आवेदन मिले हैं, जबकि एक अनुमान के मुताबिक सूबे में 1000 से अधिक रियल इस्टेट प्रोजेक्ट चल रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि 25 जिलों से रजिस्ट्रेशन का एक भी आवेदन नहीं मिला है. अब तक महज 13 जिलों से रजिस्ट्रेशन के आवेदन मिले हैं, जिनमें भी 95 फीसदी पटना जिले के ही प्रोजेक्ट्स हैं.
विभाग से मांगी पांच साल के स्वीकृत प्रोजेक्ट्स की सूची
रेरा ने नगर विकास एवं आवास विभाग से सूबे में विगत पांच साल में स्वीकृत रियल इस्टेट प्रोजेक्टस की सूची भी मांगी है. साथ ही एजेंसी को ऑनलाइन सर्च किये जाने वाले रियल इस्टेट पोर्टल 99एकर्स डॉट कॉम, मैजिक ब्रिक्स, हाउसिंग डॉट कॉम आदि पर दिये गये प्रोजेक्ट्स के विज्ञापन से भी डाटा इकट्ठा करना होगा.
नहीं दी प्रोजेक्टों की सूची : अवैध निर्माण पर रोक को लेकर रेरा की कार्रवाई में नगर विकास एवं आवास विभाग का सहयोग नहीं मिल रहा. रेरा ने करीब ढाई महीने पहले ही विभाग से सूबे में चल रहे तमाम रियल इस्टेट प्रोजेक्ट की जिलावार सूची मांगी थी, लेकिन यह अब तक नहीं मिली है.
दो फेजों में पूरा होगा सर्वे का काम
सर्वे का काम दो फेजों में पूरा होगा. एजेंसी का चयन पूरा होने के बाद उसे पहले चरण का काम अगले तीन महीने के अंदर पूरा करना होगा. इस चरण में पंद्रह जिले शामिल किये गये हैं.
इनमें पटना, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया, वैशाली, रोहतास, दरभंगा, मधुबनी, गया, समस्तीपुर, सारण, नालंदा, बेगूसराय व मुंगेर जिले शामिल हैं. इस कार्य के लिए ग्रुप में एक या उससे अधिक कंपनियों का चयन किया जा सकता है.
क्या कहते हैं अधिकारी
अब भी उम्मीद के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के आवेदन नहीं मिले हैं. अनिबंधित प्रोजेक्ट्स की पहचान के लिए ही प्रोफेशनल एजेंसी की सेवाएं ली जा रही हैं. रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले बिल्डरों पर अब भारी जुर्माना लगाने के साथ ही ब्लैक लिस्ट व एफआईआर की कार्रवाई भी होगी.
राजीव भूषण सिन्हा, सदस्य, रेरा
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