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पटना : फर्जी मेडिकल कॉलेज चलाने वालों के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज की प्राथमिकी
आरा व मुजफ्फरपुर सहित कई राज्यों में चल रहा है फर्जीवाड़ा पटना : नियमों की अनदेखी कर फर्जी मेडिकल कॉलेज चलाने वालों पर सीबीआई ने शिकंजा कसा है. आरा और मुजफ्फरपुर सहित देश भर के कई राज्यों में इस तरह के कॉलेज चल रहे हैं. पटना हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच […]
आरा व मुजफ्फरपुर सहित कई राज्यों में चल रहा है फर्जीवाड़ा
पटना : नियमों की अनदेखी कर फर्जी मेडिकल कॉलेज चलाने वालों पर सीबीआई ने शिकंजा कसा है. आरा और मुजफ्फरपुर सहित देश भर के कई राज्यों में इस तरह के कॉलेज चल रहे हैं. पटना हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने प्रारंभिक जांच की.
मामला सही पाने के बाद 10 जुलाई को सीबीआई एसीबी पटना के एएसपी के भट्टाचार्य ने आरा व मुजफ्फरपुर के फर्जी काउंसिल और दो मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और निबंधन विभाग के अज्ञात पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें आरा की बाजार समिति, जगदेव नगर के काउंसिल ऑफ पेटेंट मेडिसिंस के चेयरमैन सह मेडिकल कॉलेज ऑफ पेटेंट मेडिसिंस के प्रिसिंपल डॉ गया प्रसाद निर्भय और मुजफ्फरपुर स्थित बैरिया, ओल्ड मोतिहारी रोड, शुभंकर नगर के जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ पेटेंट मेडिकल साइंस एंड हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ केबी श्रीवास्तव शामिल हैं. पूरे मामले की जांच सीबीआई के डिप्टी एसपी ललित कुमार जायसवाल ने जांच की है.
कुछ छात्रों ने ली थी हाईकोर्ट की शरण :
कुछ छात्रों ने हाईकोर्ट की शरण ली. हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच करने के आदेश दिये. सीबीआई इस आदेश को चुनौती दी और अपील की. इसमें हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने सुनवाई की और अपील खारिज कर दी. आदेश दिया कि हाईकोर्ट की एकल पीठ में ही इसकी सुनवाई की जायेगी.
कोर्ट ने कहा दिया कि सीबीआई जांच करे नहीं तो अदालती आदेश की अवमानना का मामला चलाया जायेगा. इसके बाद सीबीआई सक्रिय हुई और जांच में जुटी. 10 जुलाई को सीबीआई ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है.
गैरकानूनी डिग्री देने का है आरोप
सीबीआई के आरोपों के मुताबिक आरा के काउंसिल आॅफ पेटेंट मेडिसिन्स ने फर्जी तरीके से कई कॉलेजों को मान्यता दी. जबकि इन कॉलेजों से मिलने वाली डिग्री मान्य नहीं है.
जानकारी के अनुसार 1990 में बिहार सरकार के निबंधन विभाग में डॉ गया प्रसाद निर्भय ने मेडिकल काउंसिल ऑफ पेटेंट मेडिसिंस को एक सोसायटी के तौर पर रजिस्टर्ड कराया. इसी के तहत संस्थान ने देश भर में आठ कॉलेजों को मान्यता तक दे दी . ये कॉलेज एलोपैथी, आयुर्वेद और होमियोपैथी की पढ़ाई कराते हैं. जबलपुर, मथुरा, बेंगलुरु, अलवर, फरीदाबाद, लखनऊ, आरा और मुजफ्फरपुर में ये कॉलेज चल रहे हैं.
इन कॉलेजों से दो वर्षीय व तीन वर्षीय कोर्स संचालित किया जा रहा है. जांच हुई तो पता चला कि इंडियन मेडिकल काउंसिल व होमियोपैथी सेंट्रल काउंसिल से इनको कोई मान्यता नहीं है. यहां से पास होने वाले छात्रों की डिग्री और डिप्लोमा बेकार है.
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