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सीबीएसई : परीक्षा के लिए दिव्यांग विद्यार्थियों को नहीं जाना होगा अन्य स्कूल, प्रश्नपत्रों में भी बदलाव
संबद्धता व परीक्षा बायलॉज में सुधार के लिए तैयार किया प्रस्ताव पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपनी संबद्धता व परीक्षा बायलॉज में सुधार की तैयारी की है. बोर्ड ने इसके लिए 41 पृष्ठों का प्रस्ताव तैयार किया है. हाल में बोर्ड की जेनरल बॉडी मीटिंग में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी […]
संबद्धता व परीक्षा बायलॉज में सुधार के लिए तैयार किया प्रस्ताव
पटना : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपनी संबद्धता व परीक्षा बायलॉज में सुधार की तैयारी की है. बोर्ड ने इसके लिए 41 पृष्ठों का प्रस्ताव तैयार किया है. हाल में बोर्ड की जेनरल बॉडी मीटिंग में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी है. साथ ही स्वीकृति के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास विभाग (एमएचआरडी) के पास भेज दिया गया है.
बोर्ड सूत्रों के अनुसार संबद्धता व परीक्षा बायलॉज में बड़े सुधार करने का प्रस्ताव है. इसमें संबद्धता के लिए स्कूलों के निरीक्षण, परीक्षा के प्रश्नपत्रों के वितरण व दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए अपने स्कूल में ही परीक्षा की व्यवस्था करने आदि को शामिल किया गया है. प्रस्ताव पर विभाग की स्वीकृति मिल जाती है, तो स्कूलों को बोर्ड से संबद्धता प्राप्त करने में आसानी होगी. वहीं विशेष जरूरत वाले यथा दिव्यांग विद्यार्थी अपने ही स्कूल में बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे. जेनरल बॉडी मीटिंग में दिव्यांग विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए स्पोर्ट्स मीट को भी मंजूरी दी गयी है.
प्रश्नपत्रों के मानकीकरण पर भी बल
बोर्ड ने प्रश्नपत्रों का मानकीकरण करने पर भी बल दिया है. इससे बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों में भी बड़े बदलाव होंगे. हालांकि फिलहाल यह अभी पाइपलाइन में है. इसके साथ ही प्रश्नपत्र लीक होने से रोकने व परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में होनेवाली गड़बड़ियों को दूर करने के लिए अद्यतन तकनीक की सहायता लेने का प्रस्ताव है. हालांकि इस दृष्टिकोण से पिछले छह महीने के दौरान बोर्ड की ओर से विभिन्न तकनीक अपनायी गयी है. इसके अलावा प्रश्नपत्रों की सेटिंग, परीक्षकों के प्रशिक्षण आदि पर विचार किया गया है.
संबद्धता के लिए निरीक्षण करेंगे डीईओ
सूत्रों के अनुसार बोर्ड का संबद्धता बायलॉज पुराना व 90 पृष्ठों का था, जिसमें सुधार करते हुए इसे 41 पृष्ठों का तैयार किया गया है. नये बायलॉज के तहत संबद्धता प्रक्रिया में तेजी आयेगी.
साथ ही स्कूलों के लिए यह प्रक्रिया आसान होगी. प्रस्तावों के अनुसार संबद्धता प्रदान करने के लिए बोर्ड स्कूल का निरीक्षण नहीं करेगा, बल्कि इसके लिए संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को अधिकृत करेगा. राज्य सरकार से मान्यता के लिए डीईओ स्कूल का भौतिक सत्यापन व उपलब्ध संसाधनों का निरीक्षण करेंगे. डीईओ की रिपोर्ट के आधार पर बोर्ड संबद्धता प्रदान करेगा.
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