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पटना : बैंकों की सुरक्षा छोड़ मोबाइल फोन में व्यस्त दिखे सुरक्षाकर्मी

कहीं नहीं दिखी चौकसी, कई बैंकों में सुरक्षा गार्ड के पास हथियार तक नहीं, भगवान भरोसे सुरक्षा पटना : गुरुवार को दानापुर स्थित विजया बैंक में हुई लूट के बाद शुक्रवार को प्रभात खबर ने बैंकों की सुरक्षा के इंतजामों को जानने के लिये शहर की कुछ बैंकों का जायजा लिया. इस दौरान जिन बैंकों […]

कहीं नहीं दिखी चौकसी, कई बैंकों में सुरक्षा गार्ड के पास हथियार तक नहीं, भगवान भरोसे सुरक्षा
पटना : गुरुवार को दानापुर स्थित विजया बैंक में हुई लूट के बाद शुक्रवार को प्रभात खबर ने बैंकों की सुरक्षा के इंतजामों को जानने के लिये शहर की कुछ बैंकों का जायजा लिया. इस दौरान जिन बैंकों में सुरक्षा गार्ड दिखे, उनमें अधिकांश गार्ड बेफिक्र होकर अपने मोबाइल पर व्यस्त दिखे. कई बैंकों में सुरक्षा गार्ड के पास हथियार तक नहीं थे.
जिनके पास हथियार थे भी तो वे काफी लापरवाह दिखे. इस परिदृश्य में बैंकों के अपने सुरक्षा इंतजामात बिल्कुल नाकाफी दिखे. पिछले माह भी पटना सहित बिहार में बैंकों की लूट जैसी कई घटनाएं हुई थीं. कुल मिला कर बीते रोज हुई बैंक लूट की वारदातों को बैंकों ने 24 घंटे बाद ही भुला दिया.
दोपहर 1 बजे : एसके पुरी
स्टेट बैंक के एसके पुरी शाखा में बिहार पुलिस का एक जवान ड्यूटी पर तैनात दिखा. लेकिन यहां भी सुरक्षा गार्ड मोबाइल पर व्यस्त दिखा.
वैसे इस शाखा में तीन पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी है. पता चला कि अभी तक एक ही पुलिसकर्मी आया है. यहां के स्थानीय थाने से जवान प्रतिदिन आते हैं.
दोपहर दो बजे : कोतवाली थाना
कोतवाली थाना स्थित इलाहाबाद बैंक की मुख्य शाखा में न तो गेट पर कोई सुरक्षा गार्ड दिखा और न ही अंदर. मिली जानकारी के अनुसार यहां एक सुरक्षा गार्ड तैनात है. यह गार्ड बैंक का नहीं, बल्कि एजेंसी का है. हैरानी की बात यह है कि बैंक परिसर में ही करेंसी चेस्ट है.
2:30 बजे : मीठापुर बस स्टैंड
मीठापुर बस स्टैंड रोड स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में भी कोई सुरक्षाकर्मी नहीं दिखा. जानकारी लेने पर पता चला कि इस बैंक की किसी शाखा में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है. शाखा प्रबंधक समय-समय पर स्थानीय थाने को पत्र लिख कर सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह करते हैं. लेकिन थाना भी पुलिसकर्मियों की कमी बता कर पल्ला झाड़ लेता है.
बैंकों की तरफ से कोई सुरक्षा जवान नहीं है
फुलवारी शरीफ में बैंकों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है. स्थानीय पुलिस की गश्ती और क्विक मोबाइल के जवानों के सहारे ही बैंक की सुरक्षा हो रही है. फुलवारी शरीफ थानेदार अजीत कुमार ने बताया कि अधिकांश बैंक में बैंकों की तरफ से कोई सुरक्षा जवान नहीं है.
फतुहा के अधिकतर बैंकों में सिक्यूरिटी गार्ड नदारद दिखते हैं. यहां भी पुलिस गश्ती के ही भरोसे ही कई बैंकों की सुरक्षा है. मनेर व बिहटा क्षेत्र में सुरक्षा के नाम पर महज बैंकों के गार्डों द्वारा खानापूर्ति की जा रही है. सीसीटीवी कैमरा की हालत खराब होने से सुराग नहीं मिल पाता है.
पटना के बैंकों की सुरक्षा पर उठ रहे सवालिया निशान
रूपसपुर थाना क्षेत्र में विजया बैंक में हुई लूट की घटना के बाद यह स्पष्ट हो चुका है कि बैंक की सुरक्षा को लेकर न तो पुलिस सजग थी और न ही बैंक की ओर से बेहतर इंतजाम किये गये थे. जबकि 2017 में बिहार में कई जगहों पर बैंक लूट व कैश वैन लूट की घटनाएं सामने आने के बाद पुलिस के अलाधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर कई नियम बनाये थे. लेकिन अब उन सुरक्षा नियमों की केवल खानापूर्ति की जाती है.
बैंक खुलने के समय और बैंक के बंद होने के समय स्थानीय पुलिस को चेकिंग करने का निर्देश दिया गया था. इसके अलावा बीच के समय में भी बैंक की सुरक्षा को लेकर गश्ती करने का निर्देश दिया गया था. खास कर ग्रामीण इलाकों के बैंकों की सुरक्षा पर विशेष निर्देश दिये गये थे. इसके अलावा बैंक को भी सजग रहने, सुरक्षाकर्मियों की तैनाती करने, सीसीटीवी कैमरा को दुरुस्त रखने आदि के निर्देश दिये गये थे. लेकिन इन सबके बावजूद केवल नियमों की खानापूर्ति की जा रही है. जिस विजया बैंक में यह घटना घटित हुई है, वहां गार्ड तक नहीं थे.
पुलिस मार रही अंधेरे में हाथ-पांव : दानापुर. गोला रोड रंजन पथ स्थित विजया बैक से करीब 2 लाख 90 हजार रुपये लूट के मामले में पुलिस 24 घंटे बाद भी कोई सुराग नहीं लगा सकी है.

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