17 एजेंडों पर लगी मुहर
पटना : राज्य सरकार ने संविदा पर कार्यरत डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र सीमा में बढ़ोतरी कर दी है. अब 65 वर्ष के स्थान पर 67 वर्ष तक संविदा वाले सरकारी डॉक्टर अपनी सेवा देते रहेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की हुई बैठक में इस पर मुहर लगी.
कैबिनेट की बैठक में कुल 17 एजेंडों पर सहमति बनी. बैठक के बाद कैबिनेट विभाग के विशेष सचिव उपेंद्रनाथ पांडेय ने बताया कि नियम को शिथिल करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत डॉक्टरों के िरटायरमेंट की उम्र सीमा में दो साल की बढ़ोतरी की गयी है. राज्य में डॉक्टरों के स्वीकृत पदों की संख्या 2479 है, जिनमें करीब 700 डॉक्टर संविदा पर कार्यरत हैं.
उग्रवाद प्रभावित जिलों में बनेगी सड़क : राज्य के वामपंथ या उग्रवाद प्रभावित पांच जिलों के लिए सड़क संपर्क योजना शुरू की गयी है. पथ निर्माण विभाग से संचालित इस योजना के अंतर्गत औरंगाबाद, गया, जमुई, बांका और मुजफ्फरपुर जिलों में 864.91 किमी लंबी सड़क बनायी जायेगी. इसमें 15 किमी लंबी पुल या पुलिया का भी निर्माण िकया जायेगा. इसमें सिर्फ एक पुलिया की लंबाई 148.80 मीटर है, जबकि अन्य पुलिया सामान्य लंबाई की है.
इस योजना इस योजना के तहत भू-अर्जन कार्य, यूटिलिटी शिफ्टिंग कार्य, पर्यावरण प्रमाणपत्र और पांच फीसदी की दर से प्रशासनिक निधि समेत अन्य सभी मिलाकर 1228 करोड़ 83 लाख रुपये की अनुमानित लागत आने का अनुमान है. इसकी प्रशासनिक स्वीकृति दी गयी है.
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
-141 नगर निकायों के बीच पंचम राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा पर 2017-18 की दूसरी किस्त 507.75 करोड़ और 2018-19 की प्रथम किस्त 530.99 करोड़ यानी कुल 1028.72 करोड़ रुपये वितरण की स्वीकृति
– जेपी विवि, छपरा की 25 एकड़ जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाने की अनुमति
– औरंगाबाद जिले के रफीगंज अंचल के अरथुआ में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने के लिए 7.50 एकड़ जमीन दी गयी.
– पटना सिटी स्थित गुरु गोविंद सिंह अनुमंडलीय अस्पताल को सदर अस्पताल में उत्क्रमित करते हुए इसका नाम गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल किया गया
– आरएएफ बटालियन की स्थापना के लिए वैशाली जिले के राजापाकर में 28.99 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर 99 वर्ष की लीज पर देने का निर्णय
– एसडीआरएफ की एक बटालियन में पहले से प्रावधान किये गये 18 टीमों को मिलाकर कुल 50 टीमों के गठन के लिए विभिन्न श्रेणी में अतिरिक्त पदों की स्वीकृति
– 2018-19 में राष्ट्रीय पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत बिहार पशु चिकित्सा परिषद की स्थापना का पद सहित योजना का अवधि विस्तार
– डेहरी ऑन सोन स्थित रेल पीपी को उत्क्रमित कर रेल थाना बनाने और इसके संचालन के लिए 52 पदों के सृजन की अनुमति
– पथ निर्माण विभाग में संविदा के तहत कार्यों का निष्पादन के दौरान उत्पन्न किसी तरह के विवाद का निबटारा करने के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन और ठेकेदारों को बैंक गारंटी का 75% भुगतान करने का प्रावधान
– सी-डैक और आईआईटी, पटना की ओर संयुक्त रूप से एक आर्टिफिशियल और इंटेलिजेंस सेंटर स्थापित करने के लिए राज्य सरकार 1.15 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी
राज्य में 700 डॉक्टर हैं संविदा पर िनयुक्त
िवधानमंडल का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से
बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 26 जुलाई तक चलेगा. कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली. इस सत्र में कुल पांच बैठकें होंगी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस पर अंतिम मंजूरी राजपाल के स्तर से दी जायेगी. राजपाल की मंजूरी के बाद ही मॉनसून सत्र का यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से स्वीकृत माना जायेगा.
सरेंडर करने वाले बड़े नक्सली नेता को अब मिलेंगे एकमुश्त पांच लाख रुपये
राज्य सरकार ने नक्सलियों से संबंिधत समर्पण सह पुनर्वास नीति में कुछ बेहद अहम बदलाव किये गये हैं. राज्य सरकार ने इसके लिए तैयार केंद्र की नीति को पूरी तरह से अपनाते हुए इसे लागू करने का निर्णय लिया है.
इसके तहत सरेंडर करने वाले बड़े नक्सली नेताओं को अब ढाई लाख के स्थान पर पांच लाख रुपये और छोटे या सामान्य पद वाले नक्सलियों को डेढ़ लाख के स्थान पर ढाई लाख रुपये एकमुश्त दिये जायेंगे.
मिलेगी ट्रेिनंग भी
साथ ही इन्हें सामान्य जीवनयापन के लिए इनकी रुचि वाले विषय में खासतौर से ट्रेनिंग भी दी जायेगी. तीन वर्ष तक दी जाने वाली इस ट्रेनिंग के दौरान प्रत्येक महीने चार हजार के स्थान पर अब छह हजार रुपये भत्ता दिया जायेगा. एकमुश्त मिलने वाली राशि इन्हें सरेंडर करने के तुरंत बाद नहीं दी जायेगी, बल्कि फिक्स डिपॉजिट स्कीम के तहत ये रुपये जमा कर दिये जायेंगे. जब इनकी तीन वर्ष की ट्रेनिंग पूरी हो जायेगी, तब यह राशि इन्हें दी जायेगी, ताकि ये कोई स्वरोजगार शुरू कर सकें.