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पटना :एप्रोच रोड नहीं बनने की वजह से अटके हैं 336 पुल
मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत जहां-तहां नहीं होगा पुलों का निर्माण पटना : राज्य में नये स्वरूप में शुरू होनेवाली मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना में अब जहां-तहां पुलों का निर्माण नहीं होगा. जिला संचालन समिति की अनुशंसा पर ही पुलों का निर्माण होगा. जिला संचालन समिति पुलों के निर्माण को लेकर पहले आकलन करेगी. […]
मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत जहां-तहां नहीं होगा पुलों का निर्माण
पटना : राज्य में नये स्वरूप में शुरू होनेवाली मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना में अब जहां-तहां पुलों का निर्माण नहीं होगा. जिला संचालन समिति की अनुशंसा पर ही पुलों का निर्माण होगा. जिला संचालन समिति पुलों के निर्माण को लेकर पहले आकलन करेगी.
ग्रामीण कार्य व पथ निर्माण विभाग उन स्थलों का चयन करेगा, जहां पुल की आवश्यकता है. बिहार राज्य पुल निर्माण निगम उसकी फिजिबलिटी का अध्ययन करेगा. इसके बाद पुलों का निर्माण होगा. पुलों के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि नये बनाये जाने वाले पुलों के लिए एप्रोच रोड निश्चित रूप से होना चाहिए.
तभी पांच घंटे में राज्य के किसी कोने से पटना पहुंचने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. पथ निर्माण विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के नये प्रावधानों के संबंध में उच्च स्तर पर एक प्रेजेंटेशन होना है. इसके बाद अनुमति मिलने पर नयी गाइडलाइन जारी होगी. योजना में पुल निर्माण के साथ जनोपयोगी सेवाओं को भी जोड़ा जाना है.
निर्माण में अनदेखी
मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना में पुलों के निर्माण में अनदेखी की बात कही जा रही है. मसलन बहुत कम दूरी पर ही पुलों का निर्माण किया गया. अब भी सैकड़ों पुल बिना एप्रोच रोड के कारगर नहीं हैं. जानकारों के अनुसार विधायक की अनुशंसा पर भी पुलों का निर्माण हुआ है.
इस वजह से पिछले दो साल से बंद पड़ी मुख्यमंत्री सेतु योजना को सरकार नये स्वरूप में शुरू करने की तैयारी कर रही है. साथ ही इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि में भी सरकार बढ़ोतरी करने की योजना बना रही है.
अब तक मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना के तहत दो स्तरों पर छोटे-छोटे पुल-पुलिया का निर्माण होता है. 25 लाख रुपये से कम लागत रहने पर उसका निर्माण जिलाधिकारी की देखरेख में होता है. वहीं, 25 लाख रुपये से दस करोड़ तक की लागत वाले पुल का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की देखरेख में होता है. नये स्वरूप में पुलों के निर्माण में पथ निर्माण व ग्रामीण कार्य विभाग मिल कर स्थल का चयन करेगा.
एप्रोच रोड नहीं बनने की वजह से अटके हैं 336 पुल
पटना : पथ निर्माण व ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों पर 336 पुल ऐसे हैं जिनके एप्रोच रोड के लिए जमीन नहीं मिल रही. ऐसे में पुल बन जाने के बावजूद आवागमन शुरू नहीं हो पा रहा.
पटना, औरंगाबाद, सीतामढ़ी, खगड़िया, लखीसराय में पथ निर्माण व रोहतास, अरवल, मुजफ्फरपुर, बेतिया, वैशाली, भागलपुर, कटिहार, समस्तीपुर, बेगूसराय में ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों पर बने 19 पुलों का एप्रोच रोड बनाने का काम पुल निर्माण निगम करेगी. पुल निर्माण निगम ने इस वित्तीय वर्ष में एप्रोच रोड बना देने का लक्ष्य रखा है.
इसके अलावा ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों पर बने 317 पुलों के एप्रोच रोड का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग को करना है. इसके लिए पुल निर्माण निगम की ओर से ग्रामीण कार्य विभाग को पत्र लिखा गया है. पुलों का निर्माण मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना व योजना मद से हुआ है.
औरंगाबाद में बारुण-दाउदनगर सड़क में पिछले दो साल से मात्र 0़ 68 एकड़ जमीन की वजह से एप्रोच रोड बनाने का काम अटका पड़ा है. सीतामढ़ी जिले में बेलसर प्रखंड के बागमती नदी में मांडर घाट के पास टू लेन पुल, खगड़िया जिले के अलौली-शहरबन्नी सड़क में फुलतोड़ा घाट में अलौली तरफ से जमीन नहीं मिलने से एप्रोच रोड नहीं बना है. पटना जिले में खुसरुपुर-नगरनौसा सड़क पर निर्मित पुल के एप्रोच रोड बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में है.
मुजफ्फरपुर में मीनापुर प्रखंड में बूढ़ी गंडक नदी पर कोदरिया घाट पर एप्रोच रोड बनाने के लिए लीज पर जमीन लेने की प्रक्रिया जारी है. वैशाली जिले में सिमान चकजमाल सड़क पर मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना से बननेवाले पुल के एप्रोच रोड के लिए 0़ 1375 एकड़ जमीन की आवश्यकता है. कटिहार जिले के गोगरा-लालगंज के बीच आरसीसी पुल के एप्रोच रोड में जमीन नहीं मिल रही है.
– कनेक्टिविटी नहीं होने से परेशानी पुलों का निर्माण होने के बावजूद एप्रोच रोड नहीं बनने से आवागमन बाधित है. पुल निर्माण निगम के सूत्र ने बताया कि कहीं-कहीं पुलों का एप्रोच रोड बना है, लेकिन सड़क से कनेक्टिविटी नहीं होने से उसका उपयोग नहीं हो रहा है.
– मंत्री ने कहा : पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि पुलों के निर्माण से दूरी कम होने के साथ आवागमन की सुविधा होती है. ग्रामीण कार्य विभाग की सड़कों पर बने पुलों के एप्रोच रोड बनाने का काम संबंधित विभाग का है. पुल निर्माण निगम 19 पुलों के एप्रोच रोड बनाने का काम करेगी.
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