पटना : शौचालय घोटाले में अभियुक्त बनाये गये अविनाश शंकर व नील कमल को हाईकोर्ट ने राहत देने से इन्कार कर दिया. साथ ही जमानत याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस बिनोद कुमार सिन्हा की एकलपीठ ने पीएचईडी के जिला समन्वयक अविनाश शंकर व जूनियर इंजीनियर पीएचईडी नीलकमल की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन योजना अंतर्गत 12 करोड़ 58 लाख के शौचालय निर्माण घोटाले में पीएचईडी के जिला समन्वयक अविनाश शंकर व जूनियर इंजीनियर नीलकमल को अभियुक्त बनाया गया है. अविनाश शंकर पर अन्य आरोपियों के साथ मिल कर एक फर्जी वृहत सूची बना कर एनजीओ के खाते में पैसा भिजवाने का आरोप है. उक्त कार्य के लिए उन पर 35 लाख रुपये कमीशन लेने का आरोप है. इसके अलावा नीलकमल पर उक्त घोटाले में मदद करने की एवज में पांच लाख रुपये कमीशन लेने का आरोप है. इस मामले में एक नवंबर, 2017 को दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.