पटना : प्रदेश के विभिन्न जिलों में खेती को लेकर लगाये गये सरकारी ट्यूबवेलों के खराब रहने पर हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार किया है और राज्य सरकार से दो सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अध्यक्षतावाली खंडपीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उक्त निर्देश दिया.
अदालत को याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि सूबे के विभिन्न जिलों में खेती कार्य के लिए 10 हजार से भी अधिक सरकारी ट्यूबवेल विभिन्न क्षेत्रों में लगाये गये. इन ट्यूबवेलों में आधे से अधिक खराब पड़े हैं. इससे खेती करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. फसल की सिंचाई के लिए बारिश का इंतजार करना पड़ता है. ट्यूबवेल की दयनीय स्थिति के बारे में सरकार को जानकारी रहने के बावजूद उसकी मरम्मती व चालू करने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.