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पटना : छह यात्री जख्मी, हंगामा
फोरलेन पर हाईवा ने ऑटो में मारा धक्का पटना सिटी : दीदारगंज थाना क्षेत्र के कसारा नत्थाचक के समीप फोरलेन पर बुधवार को फतुहा से पटना सिटी आ रहे ऑटो में पीछे से हाईवा ने टक्कर मार दी. इस घटना में ऑटो पर सवार आधा दर्जन यात्री जख्मी हो गये. इस घटना से गुस्साये लोगों […]
फोरलेन पर हाईवा ने ऑटो में मारा धक्का
पटना सिटी : दीदारगंज थाना क्षेत्र के कसारा नत्थाचक के समीप फोरलेन पर बुधवार को फतुहा से पटना सिटी आ रहे ऑटो में पीछे से हाईवा ने टक्कर मार दी. इस घटना में ऑटो पर सवार आधा दर्जन यात्री जख्मी हो गये.
इस घटना से गुस्साये लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा पर उतरे लोगों का कहना था कि फोरलेन पर वाहनों की रफ्तार नियंत्रित नहीं होने से अक्सर ऐसी घटना हो रही है. हालांकि, हंगामे की सूचना पाकर पर पहुंची दीदारगंज पुलिस ने पीड़ितों को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया.
इसके बाद आक्रोशित लोगों को समझा- बुझा कर शांत कराया. जख्मी लोगों में रुकनपुरा निवासी राज मिस्त्री उमा राय, इलाज कराने पहाड़ी आ रहीं गोतिनी संगीता देवी व जायंती देवी, सब्जी लेकर अगमकुआं हाट आ रहे सिकंदर कुमार व ऑटो चालक बिट्टू कुमार शामिल हैं.
वहीं, मामूली रूप से जख्मी रघुनाथ को निजी उपचार केंद्र भेजा गया. पुलिस ने हाईवा को जब्त कर लिया है.
रमजान अल्लाह को खुश करने का सबसे सही समय
लड़ाई-झगड़ा न करें : रमजान के महीने में मन को शांत रखना चाहिए और किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए. न ही किसी को अपशब्द कहना चाहिए. यदि आपसे कोई लड़ाई करता है, तो उसे तीन बार प्यार से कहें कि आपका रोजा है और शांति और धैर्य से बात करें.
महिलाओं पर गलत नजर न रखें : वैसे तो ऐसा आपको कभी भी नहीं करना चाहिए, लेकिन रमजान के महीने में इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि आप महिलाओं को बिल्कुल भी गलत नजर से न देखें. यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसा करने से आपका रोजा रखने का कोई फायदा नहीं होता है और वह रोजा नहीं माना जाता है.
ज्यादा तेज से न तो बात करें, न हंसें : रमजान के महीने में आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि न तो आपको ऊंची आवाज में बात करनी चाहिए और न ही जोर-जोर से हंसना चाहिए. सुंदर और प्यारी मुस्कान आपके आकर्षण को बढ़ाती है, लेकिन यदि आप ऊंचा बोलते या जोर-जोर से हंसते हैं तो इससे आपका रोजा खराब हो जाता है.
पूरे दिन खाने के बारे में न सोचें : रोजा रखने पर आपको पूरे दिन खाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए और न ही इफ्तार के समय आवश्यकता से अधिक खाना चाहिए. ऐसा करने से भी आपका रोजा नहीं माना जाता है और यदि आप पूरे दिन खाने के बारे में ही सोचते रहेंगे तो इससे अल्लाह की इबादत पर आपका ध्यान केंद्रित नहीं हो पायेगा.
गलत काम करने से बचें : गलत काम केवल आपके पाप को बढ़ाता है और हमेशा गलत का फल आपको उससे भी खराब मिलता है. रमजान के पाक महीने में पीठ पीछे किसी की बुराई करना, झूठ बोलना, धर्म की निंदा करना आदि नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपका रोजा खराब हो जाता है.
शारीरिक संबंध न बनाएं : रमजान के महीने में आपको शारीरिक संबंध भी नहीं बनाना चाहिए. इसके बारे में सोचना भी नहीं चाहिए. रमजान के महीने में इस बारे में बात करना भी प्रतिबंधित है.
इसलिए अपने पार्टनर से दूरी बना कर रखें. साथ ही इस तरह का मजाक अपने दोस्तों या किसी और से नहीं करना चाहिए. रमजान का महीने में आप जितने अच्छे काम कर सकते हैं उतने करने चाहिए. जैसे यदि आप जरूरतमंदों को खाना खिलाते हैं, दान देते हैं, रोजेदारों को इफ्तार करवाते हैं, तो ऐसे में अल्लाह की बरकत पाने में आपको मदद मिलती है, साथ ही आपका रोजा भी सफल होता है.
अल्लाह की इबादत करें : रमजान के पाक महीने में जितना हो सके आपको अल्लाह की इबादत करनी चाहिए, समय से नमाज पढ़नी चाहिए. अल्लाह की जितनी आप इबादत करते हैं आपको अल्लाह की बरकत उतनी ही मिलती है.
रोजेदारों को इफ्तार कराएं : रोजा रखने पर आपको लोगों को इफ्तार पर बुलाना चाहिए, उन्हें इफ्तार खिलाना चाहिए, ऐसा करने से न केवल आपके बीच का प्यार बढ़ता है, बल्कि अल्लाह का रहम और बरकत आप पर बनी रहती है.
सभी से प्रेम से मिलें
रमजान के महीने में अपने मन को शांत रखना चाहिए और सबसे प्रेम से मिलना चाहिए. यदि आप सबसे प्रेम संबंध बना कर रखते हैं, तो इससे आपके रिश्तों को बेहतर होने में मदद मिलती है, साथ ही उनके बीच का प्यार बढ़ता है.
दान दें
रमजान में महीने में दान देने का बहुत महत्व है,आप जितना दान चाहें उतना दान करें, क्योंकि ऐसा करने से अल्लाह को खुश करने में आपको मदद मिलती है .
साथ ही आप पर अल्लाह की दुगुनी बरकत बनती है. ऐसा नहीं है कि दान में केवल आप पैसा दें, बल्कि जो भी आप दे सकते हैं उसका दान करें . यदि आप भी रोजा रख रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. रोजा रखने के कई आध्यात्मिक फायदे भी हैं जैसे की आपकी आत्मा शुद्ध होती है, आपके दिमाग में खराब विचार नहीं आते हैं.
आबिद हुसैन
पटना : रमजान शुरू हो चुका है. यह अल्लाह को खुश करने का सबसे सही समय होता है. रमजान का महीना एक ऐसा महीना होता है जब जो व्यक्ति इबादत से दूर होता है वो भी इबादत करता है.
इस समय में आपके द्वारा मांगी गयी सभी दुआएं, मन्नतें जल्दी कबूल होती हैं. रोजा रखने से आत्मा शुद्ध होती है और पाप भी धुल जाते हैं. एक महीने के रोजे के समय में अल्लाह की बरकत पाने का सबसे अच्छा समय होता है. इस महीने में यदि रोजा रखने वाले व्यक्तियों को इफ्तार करवाते हैं, तो आपको अल्लाह की दुआ पाने में मदद मिलती है.
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