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बिहार : सचिवालय के अधिकतर सहायक जहां ज्वाइन करते, वहीं से रिटायर्ड

पटना : राज्य सरकार के सभी विभागों और पूरे सरकार का मुख्य संचालन केंद्र पटना स्थित सचिवालय है. इसमें तैनात सचिवालय सहायक कैडर यानी बिहार सचिवालय सेवा के कर्मी इसके प्रमुख घटक हैं. किसी योजना, आदेश समेत अन्य किसी सरकारी कार्य में फाइल पर नोटिंग लिखने से लेकर इसके परिणाम तक पहुंचाने में इनकी भूमिका […]

पटना : राज्य सरकार के सभी विभागों और पूरे सरकार का मुख्य संचालन केंद्र पटना स्थित सचिवालय है. इसमें तैनात सचिवालय सहायक कैडर यानी बिहार सचिवालय सेवा के कर्मी इसके प्रमुख घटक हैं.
किसी योजना, आदेश समेत अन्य किसी सरकारी कार्य में फाइल पर नोटिंग लिखने से लेकर इसके परिणाम तक पहुंचाने में इनकी भूमिका अहम होती है. इसके बावजूद इनकी स्वयं की सेवा-शर्त से जुड़ी समस्या बेहद जटिल है. बिहार सचिवालय कैडर का रिव्यू पिछले 10 साल से ज्यादा समय से नहीं होने से अधिकतर सचिवालय सहायक जिस पद पर ज्वाइन करते हैं, उसी पद पर रिटायर्ड हो जाते हैं.
समय बीतने के साथ इन्हें वेतनमान समेत अन्य आर्थिक लाभ तो मिलते हैं, लेकिन इन्हें प्रोन्नति और पद का लाभ नहीं मिल पाता है. मौजूदा स्थिति यह है कि महज पांच सहायक ही संयुक्त सचिव के स्तर तक पहुंच पाते हैं. जबकि नियमानुसार 47 लोगों को इस पद तक पहुंचना चाहिए थे. कैडर रिव्यू नहीं होने से यह समस्या बरकरार है. इनकी सेवा-शर्त और पदनाम केंद्रीय सचिवालय के कर्मियों की तर्ज पर करने का प्रस्ताव भी काफी लंबे समय से लंबित है. परंतु यह मामला सामान्य प्रशासन विभाग के स्तर पर लंबित पड़ा है.
चार-पांच विकास आयुक्त बदले, नहीं आयी रिपोर्ट : सामान्य प्रशासन विभाग ने दिसंबर 2008 में इनकी समस्याओं को दूर करने और कैडर रिव्यू करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन विकास आयुक्त की अध्यक्षता में किया था.
परंतु 10 साल में चार-पांच विकास आयुक्त बदल गये, फिर भी इस समिति ने अपनी कोई रिपोर्ट अब तक नहीं सौंपी है. इसी वजह से अन्य सभी कैडर का रिव्यू इतने दिनों में दो-तीन बार हो चुका है, लेकिन इनकी स्थित जस की तस बनी होने से हर वर्ष सचिवालय सेवा के महज 25 फीसदी कर्मियों को ही प्रोन्नति का लाभ मिल पाता है. क्योंकि इनके लिए पद ही ऊपर सृजित नहीं हैं. सचिवालयों में मौजूद तमाम विभागों में इनकी संख्या साढ़े तीन हजार के आसपास है.
कैडर रिव्यू नहीं होने से प्रोन्नति के अवसर सबसे कम
इनका कैडर रिव्यू नहीं होने से अन्य कैडर की तुलना में इनके लिए प्रोन्नति के पद बेहद कम है. बिहार सचिवालय सेवा के मूल कोटि के 3142 पद हैं, जिनमें 1022 पद ही प्रोन्नति के पद हैं.
जबकि, इन्हें कम से कम 1600 के आसपास होना चाहिए था. दूसरी तरफ बिहार प्रशासनिक सेवा के मूल कोटि के 313 पद हैं, इसमें प्रोन्नति के पद 583 हैं. बिहार राजस्व सेवा के 403 पद हैं, इसमें 379 प्रोन्नति के हैं.

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